RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी के पीजी का सेशन दिन-प्रतिदिन विलंब होता जा रहा है। सेशन के हिसाब से पीजी फाइनल सेमेस्टर का एग्जाम जून-जुलाई के बीच हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक एग्जामिनेशन शिड्यूल तक जारी नहीं हुआ है। कब परीक्षा होगी? कब तक कॉपी चेक की जाएगी? एग्जाम का रिजल्ट कब घोषित किया जाएगा? यह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में पीजी स्टूडेंट्स के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कोशिशें हो जाती हैं फेल

गवर्नर कम चांसलर ने रांची यूनिवर्सिटी को यूजी और पीजी सेशन रेगुलर करने के निर्देश कई बार दिए हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन सेशन को पटरी पर लाने में नाकाम हो जा रही है। सेशन में विलंब से यूनिवर्सिटी के कामकाज पर तो असर पड़ता ही है, साथ में इसका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है।

3 हजार स्टूडेंट्स का सवाल

पीजी के साइंस, कॉमर्स और आ‌र्ट्स स्ट्रीम में करीब तीन हजार स्टूडेंट्स हैं। ऐसे में ये स्टूडेंट्स सेशन मे विलंब से परेशान हैं। इनका आरोप है कि यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण यहां न तो समय पर एग्जाम होता है और न ही रिजल्ट जारी किया जाता है। ऐसे में हायर स्टडी के लिए दूसरे यूनिवर्सिटी अथवा संस्थानों में एडमिशन से कई स्टूडेंट्स चूक जाते हैं।

दो सेमेस्टर का सेशन लेट

रांची यूनिवर्सिटी में फिलहाल पीजी का सेकेंड और फोर्थ सेमेस्टर का सेशन लेट चल रहा है। स्टूडेंट्स द्वारा ध्यान दिलाए जाने के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एक दिन पहले परीक्षा के लिए आवेदन करने की तिथि घोषित की है। दस सितंबर तक सेकेंड व फोर्थ सेमेस्टर के एग्जाम फॉर्म भरे जा सकेंगे। अब स्टूडेंट्स जल्द से जल्द एग्जाम की तारीख घोषित करने की मांग कर रहे हैं।

दूसरे यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से चूक जाते हैं स्टूडेंट्स (प्वाइंट टू बी नोटेड)

पीजी के बाद कई स्टूडेंट्स दूसरे यूनिवर्सिटी अथवा संस्थानों से हायर स्टडी, एमफिल अथवा पीएचडी करना चाहते हैं तो सेशन लेट होने का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ता है। देश के बेहतर यूनिवर्सिटीज में एमफिल और पीएचडी के लिए एंट्रेंस टेस्ट निर्धारित समय पर लिए जाते हैं। ऐसे में यहां पीजी का सेशन लेट होने से वे वहां एडमिशन लेने से चूक जाते हैं। इसके अलावा वैसे स्टूडेंट्स जो नेट क्वालिफाई कर जाते हैं, लेकिन पीजी का रिजल्ट नहीं आने से दूसरे यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के पद के लिए इंटरव्यू देने से वंचित रह जाते हैं।