रांची(ब्यूरो)। रांची स्मार्ट सिटी का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी तक नौ एकड़ जमीन स्मार्ट सिटी को एचईसी द्वारा नहीं दी जा सकी है। दरअसल, डीड ऑफ कन्वेंशन के मुताबिक, एचईसी ने रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन को 656.3 एकड़ जमीन दी थी। लेकिन अब भी 9.22 एकड़ जमीन एचईसी से स्मार्ट सिटी को हस्तांतरित नहीं हो पाई है। यह जमीन स्मार्ट सिटी एडीबी एरिया से एचईसी के एफ एफ पी प्लांट जाने वाली रेलवे लाइन की है। रेलवे लाइन और अंडरपास होने के कारण एचईसी इस जमीन का एनओसी स्मार्ट सिटी को नहीं दे रहा है, इसकी जगह दूसरे स्थान पर 9.22 एकड़ जमीन देने की बात एचईसी ने की है।

कहीं अतिक्रमण वाली जमीन ना दे दे

स्मार्ट सिटी को डर है कि कहीं एचईसी अतिक्रमण वाली जमीन ना दे दे। लैंड इश्यू के कारण पहले से ही स्मार्ट सिटी की कई योजनाएं रुकी हुई हैं, इसलिए कॉरपोरेशन फ्रेश जमीन ही लेने की मांग कर रहा है। स्मार्ट सिटी एडीबी एरिया में एचईसी के तीन प्लांट एफ एफ पी, एचएमटीपी और एचएमबीपी से रेलवे लाइन गुजर रही थी। इनमें से दो एचएमटीपी और एचएमबीपी के रेलवे ट्रैक और अंडरपास को हटाने के बाद स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने डेवलपमेंट का काम शुरू किया, लेकिन एफ एफ पी की रेलवे लाइन और अंडरपास को लेकर मामला फं स गया है।

12 एकड़ पर अतिक्रमण

स्मार्ट सिटी के एडीबी एरिया में ही 12 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण अबतक हट नहीं पाया है। इस कारण मंत्री बंगलो के आगे जाने वाली सड़क का काम 6 महीने से बंद पड़ा है। मूसाटोली में 22 आदिवासी परिवार रहते हैं। मकान, बारी, सरना और मसना मिलाकर कुल 12 एकड़ जमीन पर उनका दावा है। स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने सितंबर 2022 में वहां अतिक्रमण हटाने का काम शुरू भी किया। लेकिन स्थानीय लोगों और नेताओं के विरोध के कारण काम बंद करना पड़ा। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि जबतक 22 परिवारों को दूसरी जगह नहीं बसाया जाता है, तबतक उन्हें विस्थापित न किया जाए। स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने जिला प्रशासन को उनके लिए जमीन देखकर बसाने का जिम्मा दिया है, लेकिन अबतक जमीन ही फ ाइनल नहीं हुई है।

एचईसी नहीं दे रहा एनओसी

स्मार्ट सिटी के 11 प्लॉट का ऑक्शन हो चुका है। 9 बड़े प्लॉट का ऑक्शन मार्च 2021 में ही हो गया था। निवेशकों ने जमीन की पूरी राशि भी जून 2022 तक जमा कर दी थी। लेकिन एचईसी से एनओसी नहीं मिलने के कारण अबतक उन प्लॉट की रजिस्ट्री शुरू नहीं हुई है। जबतक डेवलपर के नाम जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी, तबतक वे नक्शा पास नहीं करा पाएंगे और उसपर काम भी शुरू नहीं कर पाएंगे। स्मार्ट सिटी पर राशि बकाया होने के कारण एचईसी ने इन प्लॉट्स को एनओसी नहीं दिया था।