RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी के पीजी उर्दू डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स एक ओर न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं, तो दूसरी ओर उनकी समस्या दूर करने में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को लंबा वक्त लग रहा है। मामला पीजी फ‌र्स्ट और थर्ड सेमेस्टर के रिजल्ट के खराब होने से जुड़ा है। पिछले दो महीने से वे अपनी रिजल्ट को लेकर यूनिवर्सिटी का चक्कर लगा रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। कई स्टूडेंट्स ने आरटीआई दाखिल कर कॉपी भी देखी। आंसर शीट में गड़बड़ी की भी बात सामने आई, फिर भी इनकी शिकायतों का निपटारा करने में लगातार विलंब हो रहा है। ऐसे में स्टूडेंट्स का परेशान होना लाजिमी है।

स्क्रूटनी भी बेनतीजा

पीजी उर्दू डिपार्टमेंट के फ‌र्स्ट और थर्ड सेमेस्टर के करीब 40 परसेंट स्टूडेंट्स एक पेपर में फेल कर गए हैं। रिजल्ट निकले दो महीने से ज्यादा हो चुका है। इतने दिनों से फेल स्टूडेंट्स रिजल्ट में सुधार को लेकर यूनिवर्सिटी की दौड़ लगा रहे हैं, पर मामला अनसुलझा ही है। एक बार कॉपीज की स्क्रूटनी भी हुई। यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन बोर्ड में स्क्रूटनी के मा‌र्क्स पर विचार होना था। बोर्ड की बैठक भी हुई, पर स्क्रूटनी के रिजल्ट पर कोई फैसला नहीं हो सका।

डिपार्टमेंट को मतलब नहीं

फेल हुए स्टूडेंट्स की समस्या अगर सॉल्व नहीं हो रही है, तो इसकी वजह डिपार्टमेंट की भी लापरवाही है। सेमेस्टर फ‌र्स्ट और थर्ड सेमेस्टर के फेल हुए स्टूडेंट्स की मदद के न तो एचओडी और न ही कोई टीचर सामने आ रहे हैं। स्टूडेंट्स जब इस बाबत एचओडी से मिलने जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है। ऐसे में ये स्टूडेंट्स अपने दम पर यूनिवर्सिटी में रिजल्ट को लेकर चक्कर लगा रहे हैं।

वर्जन

एग्जामिनेशन बोर्ड की इस बैठक में उर्दू डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स के रिजल्ट पर फैसला नहीं हो सका। बोर्ड की अगली बैठक में इस बाबत निर्णय लिए जाएंगे।

डॉ एम रजीउद्दीन

प्रो वीसी, आरयू