रांची (ब्यूरो) । सिटी में चोरी की वारदातों पर विराम नहीं लग रहा है। अब तक मकान और दुकान से चोरी की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन अब सीसीटीवी और उसकी बैट्री भी चोर नहीं छोड़ रहे हैं। राजधानी रांची में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग स्थानों पर 600 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की बैट्री पर चोरों की नजर है। महज कुछ पैसे के लालच में चोर बैट्री ले जाते हैं। इसे कबाड़ की दुकान या किसी बैट्री विक्रेता को बेच देते हैं। बीते महीने भर से सीसीटीवी की बैट्री चोरी की वारदातें लगातार हो रही हैं। पुलिस के अनुसार, करीब 18 स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की बैट्री चोरी हो गई है। इस अपराध में शामिल दो चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया। इस चोरी में स्मार्ट सिटी के कर्मचारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है।

तीसरी आंख से निगरानी बंद

सिटी में लगाए गए कैमरों में कई स्थानों के कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, 28 लोकेशन के कैमरे फिलहाल काम नहीं कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे हैं जिनके मेनटेनेंस का काम चल रहा है। वहीं जो कैमरे बंद पड़े हैं, उनके भी अलग-अलग कारण है। किसी के वायर कट चुके हैं तो किसी का लेंस खराब हो चुका है। इसके अलावा बैट्री चोरी होने के कारण भी कुछ स्थानों के कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 बैट्री बरामद की है, जो अलग-अलग कैमरों में लगी थी। इन बैट्री की कीमत करीब एक हजार रुपए तक होती है। इसे बैट्री विक्रेताओं को 400-500 रुपए में बेच देते हैं। बैट्री विक्रेता फिर से रीसाईकिल करके इसे ऊंची कीमत पर बाजार में बेच देते हैं।

कैमरे का उद्देश्य खत्म

राजधानी रांची में सर्विलांस सिस्टम के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से न सिर्फ ट्रैफिक वायोलेशन करने वाले बल्कि चोरों और अपराधियों पर भी नजर रखी जाती है। इस फुटेज की मदद से पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में भी आसानी होती। लेकिन कैमरे के काम नहीं करने से यह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा। हैरानी की बात तो यह है कि जिसपर कैमरे के रखरखाव की जिम्मेवारी है उन्हीं पर चोरी का आरोप लगा है। पुलिस ने जब इस मामले का खुलासा किया तो सबके होश उड़ गए।

जिसे मिली जिम्मेवारी वही चोर

दरअसल ये चोर कोई और नहीं बल्कि स्मार्ट सिटी की तरफ से जुड़े हुए वे कर्मी निकले, जिन पर इनके रखरखाव की जिम्मेदारी थी। बता दें कि चोरी की वारदात में जिन दो कर्मियों का नाम सामने आया उनमें आशीष कुमार और आकिब खान हैं। आशीष मेनटेनेंस कंपनी में इंजीनियर है, तो आकिब सुपरवाइजर है। सीसीटीवी कैमरे की बैट्री चोरी के मामले की शिकायत अरगोड़ा थाना में दर्ज कराई गई थी। इसके बाद मामले की जांच में इसका खुलासा हुआ। बता दें कि चोरी की ये वारदात न सिर्फ अरगोड़ा थाना क्षेत्र बल्कि रांची के दूसरे थाना क्षेत्रों में भी हुई थी। बड़े ही आराम से मेनटेनेंस के नाम पर ये दोनों शातिर सीसीटीवी की बैट्री पर हाथ साफ कर रहे थे।

कोई वैकल्पिक इंतजाम

सिटी में सर्विलांस सिस्टम के तहत कैमरे तो इंस्टाल कर दिए गए हैं। लेकिन इसके खराब होने, काम नहीं करने पर पुलिस के पास कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं है। कैमरा बंद होने पर आस-पास के सभी फुटेज बंद हो जाते हैं। वहीं एक बार कैमरा खराब होने के बाद इसे बनने में महीने भर का समय लग जाता है। इस दौरान यदि को अपराधी वहां अपराध करके निकले भी तो उसकी तस्वीर कैमरे में कैद नहीं हो पाएगी। इन दिनों विभिन्न स्थानों में फ्लाई ओवर निर्माण का काम चल रहा है, जिससे कई स्थानों पर लगे कैमरे के वायर कटने से वहां का कैमरा बंद है। ऐसे स्थानों पर भी पुलिस की ओर से कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया गया है।

बैट्री चोरी करने के दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। सीसीटीवी कैमरों की बैट्री चोरी पर हर हाल में लगाम कसा जाएगा।

-नौशाद आलम, प्रभारी सिटी एसपी, रांची