--ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में आए कई बदलाव, लोगों को मिल रहीं फैसिलिटीज

--ट्रैफिक सिग्नल से लेकर सीसीटीवी कैमरे से लैस हुई राजधानी

रांची। परिवर्तन संसार का नियम है। हर क्षेत्र में लगातार परिवर्तन होते रहते हैं। कल जो स्थिति थी वो आज नहीं होगी, जो स्थिति आज है वह जरूरी नहीं कल भी होगी। कुछ ऐसे परिवर्तन सिटी में हुए हैं। झारखंड को बने 19 साल हो चुके हैं। लेकिन हम दस वर्ष पहले और आज की परिस्थति में तुलना कर रहे हैं। वैसे तो हर क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं लेकिन बात अगर ट्रांसपोर्ट की करें तो यहां भी दस सालों में अप्रत्याशित बदलाव हुए हैं। ट्रांसपोर्ट के अलग-अलग साधनों में बदलाव आया है। आज लोगों के पास विकल्प बढ़ गए हैं। 2010 में जहां ट्रांसपोर्टेशन के सीमित संसाधन थे वहीं आज इसका दायरा काफी बढ़ चुका है।

2010

सिटी बस सेवा शुरू

सिटी के लोगों की सुविधाओं के लिए सिटी बस की शुरुआत भी इसी दशक में की गई थी। नगर निगम की ओर से लोगों को यातायात सुविधा देने के लिए सौ बसें मंगवाई गई। इसमें 60 बसों का परिचालन किया गया। कुछ कारणों से यह सेवा बाधित भी रही। लेकिन फिलहाल यह सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इन दिनों महिला के लिए स्पेशल सिटी बस का परिचालन कराया जा रहा है। इसके फेयर भी काफी कम हैं, जिसके कारण लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं।

2016

पैडल रिक्शा की जगह ई-रिक्शा ने

दस साल पहले जहां सिटी में पैडल रिक्शा चला करते थे। जिससे आमदनी कम और मेहनत ज्यादा थी, वहीं अब इसकी जगहई-रिक्शा ने ले लिया है। अधिकतर रिक्शा चालकों ने अपने पैडल रिक्शा बदल कर ई-रिक्शा ले लिया है। ई-रिक्शा में मेहनत कम और आमदनी भी ज्यादा है। यह रिक्शा बैटरी से चलता है। इस रिक्शे से जहां गरीबों को फायदा पहुंचा।

2019

पेट्रोल-डीजल के बाद अब सीएनजी ऑटो

राजधानी में बढ़ रहे पॉल्यूशन को देखते हुए सीएनजी ऑटो की शुरुआत हुई। अभी यह ज्यादा सक्सेस नहीं हुआ है, कुछ खास सड़कों पर ही सीएनजी ऑटो चल रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सीएनजी के लिए पंप नहीं है। सिर्फ तीन पेट्रोल पंप पर ही गैस भरा जाता है। इससे ऑटो चालकों को परेशानी होती है। हालांकि राजधानी में अब सीएनजी टैक्सी भी चलने को तैयार है।

2019

ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल, सीसीटीवी का बढ़ा दायरा

ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में धीमे-धीमे आगे बढ़ते हुए राजधानी ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों में ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगा दिए गए हैं। इसे और ज्यादा अपडेट करते हुए इसमें कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं इसकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा शहर को तीसरी आंख की सुरक्षा में भी कैद कर दिया गया है। सभी चौक-चौराहों व प्रमुख स्थानों पर हाई रेजोल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अब इन्हीं कैमरों की मदद से ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों के पोस्टल एड्रेस पर चालान भेजा रहा है।