रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में ट्रैफिक जाम गंभीर समस्या है। हर रूट पर लोगों को जाम के झंझट से गुजरना पड़ रहा है। लेकिन सिटी का ट्रैफिक सिस्टम इन सबसे बेखबर अपनी दुनिया में मग्न है। ये कहना गलत न होगा कि राजधानी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे संभल रही है। क्योंकि सिटी में ट्रैफिक विभाग का महत्वपूर्ण पद बीते पांच महीने से भी अधिक समय से खाली है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सिटी के ट्रैफिक एसपी के पद की, जो बीते कई महीनों से या तो खाली है या फिर प्रभार में किसी तरह संभल रहा है। इन दिनों सिटी एसपी को ही ट्रैफिक एसपी का प्रभार सौंप दिया गया है, लेकिन सिटी में क्राइम पर भी लगाम नहीं है। जिस कारण सिटी एसपी ज्यादातर क्राइम कंट्रोल करने में ही व्यस्त रहते हैं। इधर, ट्रैफिक सिस्टम में कोई कप्तान नहीं होने की वजह से आम जनता के साथ चौक-चौराहों पर ड्यूटी में तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मी भी परेशान हैं। ट्रैफिक एसपी के नहीं होने का खामियाजा लोगों को सिर्फ जाम में ही नहीं, बल्कि सिटी में बेकार पड़े ट्रैफिक सिग्नल के लिए भी भुगतना पड़ रहा है।

जाम में एंबुलेंस

रांची के लगभग सभी रूट पर जाम की बड़ी समस्या है। जाम में लोगों को दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ता है। सबसे बड़ी मुसीबत एंबुलेंस चालकों को हो जाती है। एंबुलेंस में ऐसे मरीज होते हैं जो अपनी जिंदगी और मौत से लड़ रहे होते हैं। कुछ सेकेंड की भी देरी से बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन रांची की सड़कों पर लगने वाले जाम में एंबुलेंस भी फंस रही है। सिर्फ रातू रोड ही नहीं, बल्कि मेन रोड जैसे इलाके में भी एंबुलेंस जाम फंस रही है। वहीं इसी सड़क पर जब कोई वीआईपी मूवमेंट होती है तो सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती हो जाती है। यहां तक कि कट्स से कोई पार न करे, इसके सभी कट्स पर बैरिकेडिंग लगाकर वीआईपी मूवमेंट को बड़ी आसानी से पार करा दिया जाता है। जबकि ऐसी सजगता एंबुलेंस के जाम मेें फंसते वक्त नहीं दिखती। सोमवार को भी सिटी के मेन रोड में एंबुलेंस जाम में काफी देर फंसा रही। धीरे-धीरे सरकते हुए किसी तरह एंबुलेंस को पास मिला। कुछ दिनों पहले ही कांटाटोली चौक पर एंबुलेंस के जाम में फंसने की वजह से एक गर्भवती महिला समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुंच सकी, और रास्ते में ही बच्ची को जन्म दे दिया। इसके बाद भी राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया।

नो एंट्री में मालवाहक गाडिय़ां

मेन रोड में ट्रैफिक के बढ़ते लोड को देखते हुए मालवाहक गाडिय़ों की नो एंट्री लगाई गई है। लेकिन इसका कितना पालन हो रहा है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। दिन के दस बजे के बाद भी मेन रोड में मालवाहक गाड़ी प्रवेश कर रही है जो जाम में इजाफा करती है। इधर ट्रैफिक पुलिस सिर्फ बगैर हेलमेट के चलने वालों पर नजर गड़ाए रहती है। जहां कोई व्यक्ति बिना हेलमेट के चलते हुए नजर आया, दौड़ कर उसे पकड़ते और फाइन ठोक देते हैं। दूसरी ओर सड़क पर दुकान लगाने वालों ने भी मुसीबतें बढ़ा दी हैं। कुछ स्थानों पर सड़क चौड़ीकरण करने के लिए पेवर्स ब्लॉक बिछाए गए हैं। लेकिन वहां दुकानदारों ने अतिक्रमण कर अपनी दुकान सजा दी है। तो वहीं रातू रोड से लेकर पिस्का मोड़ में बिछे पेवर्स ब्लॉक को पार्किंग के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है। इन सब कारणों से भी जाम में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन इसे रोकने या देखने वाला भी कोई नहीं है। मेन रोड, रातू रोड से पिस्का मोड़, लालपुर, सरकुलर रोड, कोकर, हरमू रोड, कांटाटोली में सबसे ज्यादा खराब हालत है।