रांची(ब्यूरो)। राज्य में बिजली ट्रांसमिशन व्यवस्था उधार पर चल रही है। पूरे राज्य में ट्रांसमिशन सिस्टम का सेटअप तैयार नहीं होने से बिजली विभाग एनटीपीसी और पीजीसीआईएल के ट्रांसमिशन सिस्टम के भरोसे चल रहा है। इधर, लचर ट्रांसमिशन लाइन के कारण लोगों को क्वालिटी बिजली नहीं मिल पा रही है और भीषण गर्मी में भी राजधानी रांची में हर दिन 5 से 6 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। बिजली विभाग ट्रांसमिशन सिस्टम के उपयोग के एवज में हर माह 17 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। वहीं पिछले दिनों ट्रांसमिशन लगाने के लिए निकाला गया टेंडर रद कर दिया गया, जिसे अब नई शर्तो के साथ फिर से निकाला जाएगा। हालांकि राज्य में धीरे-धीरे ट्रांसमिशन सिस्टम को सुधारने का प्रयास हो रहा है। इसमें राज्य को केंद्र सरकार पूरा सहयोग कर रही है। ट्रांसमिशन सिस्टम को बनाने और मजबूत करने में केंद्र और राज्य सरकार की राशि का अंशदान 90 और 10 के अनुपात में खर्च किया जा रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य की कई ट्रांसमिशन लाइन के प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं, वहीं, कई पाइपलाइन में हैं।

वल्र्ड बैंक कर रहा मदद

ट्रांसमिशन सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए वल्र्ड बैंक मदद कर रहा है। ट्रांसमिशन सिस्टम के लिए वल्र्ड बैंक से 2311 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है। इस पैसे से 61 ट्रांसमिशन लाइन और ग्रिड सबस्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा पीपीपी मोड पर 59 ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन बनाई जाएगी। साथ ही राज्य योजना से 1193 करोड़ रुपए से 35 ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन बनाने की योजना है।

यहां बन रहा ट्रांसमिशन सिस्टम

पतरातू के एनटीपीसी पावर प्लांट से आनेवाले वर्षो में फेजवाइज 4 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस पावर प्लांट से राज्य की सभी ट्रांसमिशन लाइन को जोड़ा जाएगा। पहले फेज में इस पावर प्लांट से चांडिल और धनबाद लाइन को जोड़ा जा रहा है। दूसरे फेज में कोडरमा, दुमका और धनबाद लाइन को जोड़ा जाएगा।

कटिया ग्रिड का काम शुरू

पतरातू से कटिया ग्रिड को जोडऩेवाली ग्रिड का काम शुरू हो गया है। यह योजना कुल 1600 करोड़ रुपए की है।

बेड़ो ग्रिड से मिली मजबूती

रांची के बेड़ो स्थित केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम की कंपनी पीजीसीआइएल के पावर ग्रिड स्टेशन के बनने से राज्य में ट्रांसमिशन सिस्टम मजबूत हुआ है। इस स्टेशन की सभी प्रमुख ट्रांसमिशन लाइन को जोड़ा गया है। इस ग्रिड स्टेशन से पतरातू और लातेहार का पावरग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन जोड़ा गया है।

आयोग ने तय किया रेट

विद्युत नियामक आयोग ने पीजीसीआइएल और एनटीपीसी से ट्रांसमिशन सिस्टम के उपयोग करने पर 28 से 30 पैसे प्रति यूनिट रेट तय किया है। बिजली विभाग एनटीपीसी और पीजीसीआईएल को ट्रांसमिशन सिस्टम यूज करने के एवज में हर साल 204 करोड़ रुपए इन कंपनियों को दे रहा है।

बढ़ रहा रिपेयरिंग कॉस्ट

राज्य में बेहतर ट्रांसमिशन सिस्टम नहीं होने से हर साल मेंटेनेंस और रिपेयरिंग खर्च बढ़ता जा रहा है। यह राशि वर्ष 2018-19 में 6237 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 13541 करोड़ रुपए हो गई।

ट्रांसमिशन से बिजली की अधिक बर्बादी नहीं होती है। सबसे अधिक वितरण से बिजली की बर्बादी होती है। राज्य में ट्रांसमिशन सिस्टम को बेहतर किया जा रहा है। ट्रांसमिशन सिस्टम को पूरी तरह से मजबूत करने के लिए कंपनी 10 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी, जिसकी स्वीकृति आनेवाले दिनों में सरकार से ली जाएगी।

-अमर नायक, चीफ इंजीनियर, झारखंड उर्जा संचरण निगम लिमिटेड