रांची (ब्यूरो) । राजधानी रांची में पार्किंग की समस्या एक बड़ी ही गंभीर समस्या है। ऐसे में यदि कुछ बहुत स्थान पार्किंग के लिए बचती भी है तो वहां भी कॉमर्शियल इस्तेमाल शुरू कर दिया जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अपर बाजार की, जहां गली-गली में बेसमेंट में दुकानें खोल दी गई हैं। रांची नगर निगम बीते 22 सालों में एक ढंग की पार्किंग तो नहीं बनवा सका, लेकिन जहां बेसमेंट में जिस स्थान पर पार्किंग बननी चाहिए थी, उसका भी कॉमर्शियल इस्तेमाल होने से भी रोक नहीं सका है। पैसे कमाने के लालच में अपर बाजार के निवासी बेसमेंट को भी रेंट पर लगा देते हैं। वे भले अपने-अपने बेसमेंट से मोटा मुनाफा कमाते है, लेकिन आमजनों के लिए यह गंभीर समस्या बन जाती है। अपर बाजार के हर इलाके में पूरे दिन जाम की समस्या बनी रहती है। बेसमेंट में दुकानें रहने से लोगों को अपने वाहन सड़क पर ही पार्क करने पड़ते हैं, जिससे जाम की समस्या बढ़ती है। इस मामले पर हाईकोर्ट भी संज्ञान ले चुका है। लेकिन इसके बावजूद यहां के दुकानदारों पर कोई असर नहीं पड़ रहा।

नगर निगम नहीं लेता एक्शन

अपर बाजार जितना अपने कारोबार के लिए जाना जाता है, उतना ही जाम और पार्किंग व्यवस्था की बदहाली को लेकर भी सुर्खियों में रहता है। यहां दर्जनों बिल्डिंग्स अवैध रूप से बनी हुई हैं। जिस पर नगर निगम के टाउन प्लानिंग सेक्शन से लेकर कोई भी पदाधिकारी कभी कार्रवाई नहीं करता। जब तक कोई व्यक्ति किसी के खिलाफ कंप्लेन नहीं करता तब तक नगर निगम भी कान में तेल डाले सोए रहता है। अपर बाजार में धड़ल्ले से कंस्ट्र्रक्शन चालू है, लेकिन जिम्मेवार विभाग को इससे कोई मतलब नहीं है। संर्कीण स्थान पर भी ऊंची-ऊंची इमारतें खड़ी होती जा रही हैं। वहीं बेसमेंट का कॉमर्शियल यूज करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा रहा है। इधर, आम नागरिक हर दिन जाम का झाम झेलने को मजबूर है। हाई कोर्ट ने पहले भी इस मामले को संज्ञान में लिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। रंगरेज गली, जालान रोड, कार्ट सराय रोड, बुचडग़ली, मैकी रोड आदि सभी जगहों की स्थिति एक-सी ही है।

पार्किंग एरिया में दुकानें

अपर बाजार में जाम की स्थिति के लिए यहां के कारोबारी भी जिम्मेवार हैं। डीजे आईनेक्स्ट ने जब अपर बाजार का जायजा लिया, जहां संकरी गलियों में मौजूद ज्यादातर बड़े मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट एरिया में पार्किंग की जगह दुकानें नजर आईं। कहीं गोदाम तो कहीं गारमेंट्स शॉप को स्थान किराए पर दे दिया गया है। बेसमेंट में ज्यादातर गारमेंट्स शॉप ही संचालित हो रही हैं। रंगरेज गली से लेकर सोनार पट़्टी तक बेसमेंट में दुकानें भरी पड़ी हैं। 10 से लेकर 35 हजार रुपए महीना किराये में स्थान दे दिया गया है। स्पेस के आधार पर किराया तय किया गया है। सिर्फ बेसमेंट में दुकानें ही नहीं चल रहीं, बल्कि यहां दुकान लेने वाले कारोबारी अपना सामान भी बाहर निकाल कर रख देेते हैं, जिस कारण समस्या और अधिक बढ़ जाती है।

एंटी एनक्रोचमेंट ड्राइव बेनतीजा

रांची के अपर बाजार में कई बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है। लेकिन इसका भी कोई खास फायदा नहीं हुआ। हार्ईकोर्ट की फटकार के बाद सड़क पर लगने वाले वाहन हटाए गए। दुकानों के शेड भी खोले गए थे। लेकिन बेसमेंट में चलने वाली दुकानों का कुछ नहीं हुआ। वहीं कुछ दिनों के अभियान के बाद फिर से सड़क पर वाहन सजने लगे हैं, और दुकानों के शेड के साथ-साथ सामान भी बाहर निकाले जा रहे हैं। सामान रखने और शेड बाहर निकाल देने से अपर बाजार की 20 फीट की सड़क 10 फीट की रह जाती है। वहीं सड़क पर वाहन पार्किंग करने से यह चौड़ाई और घट जाती है। जाम से बचने के लिए अपर बाजार को वन-वे भी किया गया था। वह भी फेल हो गया।

नहीं बन सकीं मल्टी स्टोरी पार्किंग

अपर बाजार में बार-बार मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने का सपना दिखाया गया। लेकिन यह सपना आजतक पूरा नहीं हो सका है। नगर निगम की योजना के अनुसार अपर बाजार के बकरी बाजार में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने की योजना बनाई गई थी। एल शेप मार्केट के साथ पार्किंग का निर्माण होना था। लेकिन यह योजना फाइलों में ही रह गई। हाल ही में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने एक बार फिर स्थल निरीक्षण करके पार्किंग बनवाने का दावा किया है। अपर बाजार में सड़क पर वाहन लगाए जाने के कारण आम लोगों को आवागमन में परेशानी होती है।

हो चुकी हैं अगलगी की घटनाएं

अपर बाजार इलाके में कई बार अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद न तो यहां के निवासी और न ही नगर निगम सुधरने का नाम ले रहे हैं। अपर बाजार की हालत ऐसी हो चुकी है कि आग लगने पर यहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी तक नहीं पहुंच सकती। यहां पैदल चलने में भी लोगों को दिक्कत होती है। यहां हजारों की संख्या में आबादी है। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है। राजधानी का अपर बाजार राज्य का सबसे बड़ा मार्केट है, जहां हर दिन करोड़ों रुपए का कारोबार भी होता है। इसके अलावा पूरे राज्य से खरीदारी करने के लिए लोग आते हैं। लेकिन इस बाजार में कदम-कदम पर खतरा मंडरा रहा है। थोड़ी सी चूक हुई कि पूरा मार्केट ही धू-धू कर जल जाएगा। लेकिन यहां कारोबार करने वाले लोगों को इस बात का जरा भी डर नहीं है कि कोई अनहोनी होगी तो कैसे निपटेंगे।

17 मार्च को सुनवाई

अपर बाजार में अतिक्रमण हटाने और जाम मुक्त करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में 17 मार्च को सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस डॉ। संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से झारखंड चैंबर को पक्ष रखने के लिए कहा गया है। साथ ही अपर बाजार में घर व बेसमेंट में चल रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का कोर्ट ने ब्योरा मांगा है।