सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक के साथ ही तेलंगाना और अगस्ता वेस्टलैंड मामलों पर संसद के दोनों सत्रों में हंगामा हुआ जिसके बाद राज्यसभा और लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.


बुधवार को संसद में शीतकालीन सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत हुई, लेकिन सदस्यों के हंगामे के बीच दोनों सदनों में कार्यवाही पहले दोपहर तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी.राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी के प्रश्नकाल का आह्वान किए जाने के बाद शोरगुल शुरू हो गया.हंगामे की वजह से ऊपरी सदन की कार्यवाही को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया गया.एक स्वर में बोला विपक्षदो बजे दोपहर को सदन का सत्र फिर शुरू हुआ तो विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक को राज्य के अधिकारों का उल्लंघन बताया.एआईडीएमके नेता वी मैत्रेयन ने भी बीजेपी ने की बात की समर्थन करते हुए कहा कि सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक राज्य सरकार के अधिकारों को कुचलने की कोशिश है.


तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "मैं विस्तार से यह जानकारी दे सकता हूं कि किस तरह यूपीए-2 ने देश के संघीय ढांचे पर प्रहार किए हैं."सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि वह देश के संघीय ढांचे का अतिक्रमण नहीं होने देंगे.

राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, "हम इस विधेयक को लेकर सतर्क रहे हैं और इसलिए इस विधेयक में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है जो शक्ति केंद्र सरकार को दे देता हो. विधेयक की धारा 30 में कहा गया है कि यह पूरी तरह राज्य सरकार की अनुमति पर निर्भर है. यह दिल्ली पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की तरह ही है."इसके बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल चलाने को कहा, सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस सदस्य और टीडीपी सदस्य एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिसे पर लिखा था, 'आंध्र प्रदेश को एकजुट रखें'.इसके साथ ही अकाली दल के सदस्य साल 1984 के सिख विरोधी दंगों का विषय उठाते हुए आसन के करीब आ गए. उनके हाथों में तख्तियाँ थीं, जिन पर मामले में तेज़ कार्रवाई करने की मांग की गई थी.कई सदस्य राष्ट्रीय राजधानी में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा के विषय को उठाते हुए कथित भेदभाव किए जाने का आरोप लगा रहे थे.इससे पूर्व, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी पक्षों से अपील की कि वे संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सरकार का सहयोग करें.

संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद में सुचारू रूप से कामकाज होगा.
तेलंगाना मुद्दे पर संसद के बाधित होने की आशंका पर एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, "कुछ दिक्कतें हैं. उम्मीद है कि सभी पक्ष अपने पूर्वाग्रह अलग रखकर विवेक दिखाएंगे और सदन के सहज कामकाज के लिए अनुकूल माहौल बनाएंगे."

Posted By: Subhesh Sharma