anand.keshri@inext.co.in PATNA CITY : क्या गुनाह है मेरा जो मैं घर में कैद हूं... मैं पढ़-लिख नहीं सकती...कहीं आ-जा नहीं सकती... सिर्फ इसलिए कि मैं एक लड़की हूं... कसूर उसका है और सजा मुझे मिल रही है... आखिर क्यों? ये सवाल है एक मासूम का. जिसके चेहरे पर खौफ और दर्द है. वो दर्द जिसे मनचले आशिक ने दी है. उसने मुझे छेड़ा तो गलती उसकी है. उसे सजा दो. मेरी पढ़ाई क्यों रोक दी गई?

1 साल से झेल रही दंश

ये कहानी नहीं हकीकत है पटना सिटी की रहनेवाली 8वीं की छात्रा साक्षी (काल्पनिक नाम) का. जिसके साथ करीब एक साल पहले छेडख़ानी की घटना हुई थी. लेकिन उसका दंश अब भी झेल रही है. बकौल साक्षी जब वह स्कूल जाती-आती थी तब मुहल्ले के दो लड़के उसे छेड़ते थे. कई बार विरोध किया. लेकिन मनचलों ने नहीं मानी. तब उसने घरवालोंं को सारी बात बताई. फिर प्रिंसिपल से भी शिकायत की. आखिरकार साक्षी की मां ने कहा, बेटी तुम्हें लोग बदनाम कर देंगे. तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम पढ़ाई छोड़ दो.

 

... तो मिली पिटाई

साक्षी की मानें तो छेडख़ानी की बात जब मामा को पता चली तो उन्होंने दोनों लड़के सूरज केवट पिता छोटन केवट और सागर केवट पिता संजय केवट (निवासी मेहंदीगंज थाना के दलदलीगंज) को समझाया. लेकिन असर उल्टा हुआ. दोनों ने मामा की पिटाई कर दी. मामला मेहंदीगंज थाना में दर्ज कराया गया. इसके बाद पुलिस ने दोनों पर पास्को और अन्य धारा लगाकर जेल भेजा. लेकिन चंद दिनों बाद ही जेल से जमानत मिल गई और दोनों बाहर आ गए. उसके बाद दोनों के तेवर और तल्ख हो गए. अब तो हमारे परिवार वालों का जीना दुश्वार कर दिया है.

 

दोनों नामजद को जेल भेजा गया था. कोर्ट से जमानत पर छूटे हैं. कांड को अंजाम देने वाले फिर जेल जाएंगे. बच्ची को स्कूल जाने और पढ़ाई की व्यवस्था कराई 

जाएगी. किसी को कानून को हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा.

-धूरत शाइली सबला राम, सिटी एसपी ईस्ट

Posted By: Manish Kumar