सख़्त लोकपाल क़ानून की मांग को लेकर अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने कहा है कि जब तक बिल पास नहीं हो जाता है वो अपनी जगह से नहीं हिलेंगे चाहे प्रधानमंत्री ही क्यों न आ जाएँ. रविवार को उनके अनशन का छठा दिन है.


अन्ना के अनशन के छठे दिन सुबह से ही हजारों लोगों का जमावड़ा रामलीला मैदान में लगना शुरू हो गया. यहां पहुंचने वालों में सबसे बड़ी तादाद युवाओं की है. अन्ना हज़ारे ने रामलीला मैदान पर अपने समर्थकों से कहा, मैं लोगों से अपील करता हूँ कि वे अपने सांसदों के घरों के बाहर जाएँ और राष्ट्रभक्ति के गीत गाएँ.इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जहां एक ओर टीम अन्ना से ‘आपसी समझौते की गुंजाइश’ संबंधी बयान देकर अपने रुख में नरमी ज़ाहिर कर दी है. वहीं उत्तरप्रदेश के बरेली शहर से कांग्रेस के एक सांसद प्रवीन सिंह एरन ने संसद की स्थाई समिति के समक्ष विचार के लिए अन्ना के जन लोकपाल बिल का मसौदा पेश किया है.


कांग्रेस सांसद के इस क़दम की पुष्टि करते हुए संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि वो समिति के समक्ष पेश किए जाने वाले सभी सुझावों और प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करेगी.'किससे, कब और कहां बात करनी है'

उधर अन्ना हज़ारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि 'प्रधानमंत्री पर बातचीत के लिए तो तैयार हैं पर सरकार ये बताए कि किससे, कब और कहां बात करनी है.' इसके जवाब में स्थाई समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''संसदीय समिति को अपना काम करने का मौका मिलना चाहिए, हो सकता है हम इस मुद्दे पर सभी को आश्चर्य चकित कर दें.''शनिवार को अन्ना हज़ारे ने अपने आंदोलन के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उनके आंदोलन के पीछे भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का हाथ नहीं है. इस बीच लोकपाल की लड़ाई में अब तीसरा पक्ष भी सक्रिय हो गया है. इस तीसरे पक्ष का कहना है कि अन्ना हज़ारे के जन लोकपाल बिल और सरकारी लोकपाल बिल दोनो में कमियां हैं.

Posted By: Kushal Mishra