पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले पहले सिख पीएम थे। भारत में उन्‍हें आर्थिक सुधारों का जनक कहा जाता है। जब देश दिवालिया होने के कगार पर था उस समय पीएम नरसिम्‍हा राव के कार्यकाल में वो वित्‍त मंत्री थे। हम आप को उनकी पांच उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे हैं।

शिक्षा का अधिकार

शिक्षा का अधिकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की देन है। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राइट टु एजुकेशन यानी शिक्षा का अधिकार अस्तित्व में आया। इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चे को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया गया। कहा गया कि इस उम्र के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दी ही जाएगी। 

आर्थिक सुधार

2004 से 2014 के बीच देश में हुए सभी आर्थिक सुधारों का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जाता है। जब उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला उस समय देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 8.5 के आसपास था। एक वर्ष में ही उन्होंने इसे 5.9 फीसदी पर लाने में कामयाबी हासिल की। 1991 में मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री का पदभार संभाला था जिसके बाद उन्होंने देश में आर्थिक क्रांति ला दी थी। ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। विश्व बजार से भारतीय अर्थव्यवस्था को जोड़ने के बाद उन्होंने आयात-निर्यात के नियमों को भी सरल बनाया। उन्होंने घाटे में चलने वाले पीएसयू के लिए नई नीतियां बनाईं। 

आधार कार्ड योजना

भारत में आधार कार्ड योजना लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जाता है। यूएन ने आधार की तारीफ करते हुए कहा था कि यह भारत की बेहतरीन स्कीम है। वर्तमान में केन्द्र सरकार ने आधार कार्ड को हर जगह अनिवार्य कर दिया गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण सन 2009 में कांग्रेस की सरकार के समय गठित किया गया था। योजना का उद्देश्य देश के हर व्यक्ति को एक नंबर के जरिए पहचान देना और प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाएं पहुंचाने के लिए इसे शुरू किया था। पैन नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खातों सभी को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra