पासवर्ड हो जाएंगे बीते जमाने की बात
वॉइस रेकिग्निशन
ये टेक्नोलॉजी आवाज के अलग-अलग खासियत जैसे की पिच, रेंज आदि को समझ कर डिवाइस की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। ये बेहद ही खास टेक्नोलॉजी है जिसमें पासवर्ड या यूजरनेम का कोई भी चक्कर नहीं रहता है।
हार्टबीट रेकिग्निशन
ये टेक्नोलॉजी बाकि टेक्नोलॉजी से थोड़ी कॉमप्लेक्स है और यही वजह है कि ये अभी ज्यादा पॉप्युलर नहीं है। लेकिन हो सकता है कि ये टेक्नोलॉजी समय के साथ प्रचलित हो जाए।
फेशियल बायोमेट्रिक्स
ये टेक्नोलॉजी चेहरे के हाव भाव देखकर खुद ब खुद डिवाइस को अनलॉक कर देगा। Finnish की कंपनी Uniqul ने ऐसा सिस्टम डेवेलप कर लिया है जिससे सारे पेमेंट चेहरे के स्ट्रक्चर को पढ़कर हो जाएगा।