अमेरिका में 9/11 के बाद तुरंत एंटी टेररिज्म मिशन शुरू किया गया. इंडिया ने भी हमलावरों को पहचाना. 2008 में हुए मुंबई टेररिस्ट अटैक्स का दोषी अजमल आमिर कसाब मुंबई में स्पेशल सेल में कैद है.


दस साल पहले 11 सितंबर 2001 को अमेरिका terrorism की आग में जल उठा था. अमेरिका ने इससे बड़ा सबक लिया. उसने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया और ओसामा को मार गिराया. 2001 में ही 13 दिसंबर को भारतीय संसद पर attack हुआ. हमले का mastermind अफजल गुरु पकड़ा गया था, पर आज भी फांसी नहीं हो सकी है. भारत ने इसके बाद कई terrorist attacks झेले. आखिर क्यों? क्या ये willpower की कमी है?


13 सितंबर 2001 को देश की संसद पर अटैक हुआ. पांच आतंकियों ने देश की सबसे बड़ी संस्था की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए यहां गोलीबारी की. इन पांचों की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के तौर पर हुई. इसके बावजूद देश की सरकार कोई ऐसा कानून नहीं बना सकी जो टेररिज्म से प्रोटेक्ट कर सके. 2001 से 2011 के बीच अब तब बीसियों हमले हो चुके हैं. 26 नवंबर 2008 को टेररिस्ट्स ने मुंबई को हिला दिया. 150 से ज्यादा लोग मारे गए. इसके बाद एनआईए (नेशनल इंटेलीजेंस एजेंसी) का गठन किया गया, पर यह भी अभी तक कोई ठोस रिजल्ट नहीं दे पाई है. एनआईए के साथ स्टेट एजेंसीज के को-ऑर्डिनेशन में भी कमी दिखी है. 13 जुलाई 2011 को मुंबई में तीन ब्लास्ट्स के बाद मुंबई एटीएस और एनआईए के मतभेद सामने आ गए थे.Indian objectivesइंडिया ने भी हमलावरों को पहचाना. 2008 में हुए मुंबई टेररिस्ट अटैक्स का दोषी अजमल आमिर कसाब मुंबई में स्पेशल सेल में कैद है. यह भी साफ है कि मुंबई अटैक्स का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है, पर भारत उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा पा रहा है. मुंबई अटैक्स के तीन साल बीत चुके हैं. अभी तक कसाब पर कोई फैसला नहीं सका है. International missionअमेरिका के विपरीत भारत में टेररिज्म से लड़ाई में विलपावर की कमी साफ नजर आती है. भारत में आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ है. इसके बावजूद भारत कोई भी मजबूत कदम नहीं उठा सका है. पाक में तमाम टेररिस्ट कैंप्स चल रहे हैं. मगर वह इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पा रहा है. वहीं मुंबई अटैक्स में शामिल डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण में भी उसका लचर रवैया सामने आया. विकीलीक्स ने तो यहां तक खुलासा किया है कि इंडिया ने हेडली के प्रत्यर्पण की कोई कोशिश ही नहीं की.  आम आदमी सिक्योर नहीं

आम-आदमी कैसे सेफ फील करे जब वह देश के महत्वपूर्ण संस्थानों ही सेफ नहीं हैं. हालिया ब्लास्ट दिल्ली हाईकोर्ट के गेट पर हुआ. यह एक हाई-प्रोफाइल इलाका है और प्राइम मिनिस्टर ऑफिस से लेकर संसद भवन तक की डिस्टैंस काफी कम है. Target संसद हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु पकड़ा गया. कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, पर मर्सी पेटीशन डालकर अफजल बचा हुआ है. हाल में तो यह भी खुलासा हुआ था कि होम मिनिस्ट्री ने बहुत दिनों तक उसकी फाइल दबाए रखी. उसे छुड़ाने के नाम पर अब तक तीन बार टेररिस्ट अटैक्स हो चुके हैं.

Posted By: Divyanshu Bhard