आपने सांप सूंघ लेने वाला मुहावरा तो सुना होगा. लेकिन क्या आपने सुना है कि कोई शख्स सूंघकर सांप पकड़ ले? अगर नहीं तो मिलिए छत्तीसगढ़ के इस व्यक्ति से जो सूंघकर सांपों को पकड़ लेता है. दिलचस्प संयोग है कि इनका नाम मोहम्मद शंकर है. हिंदुओं के देव शंकर का सांपों से जुड़ाव तो सब जानते हैं.


सांपों का खेल दिखाकर रोजी-रोटी कमाते हैंरायपुर के शंकर इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं. वजह यह है कि वे सिर्फ 50 या 100 मीटर की दूरी से सांपों को सूंघकर पकड़ लेते हैं. अपने इसी गुर के जरिए वो मदारी का काम करके पैसे कमाते हैं. ऐसा आस-पास के लोगों ने भी बताया. खेल दिखाने के बाद वे सांपों को अपने पास नहीं रखते बल्कि उन्हें जंगल में छोड़ आते हैं. शंकर ने बताया कि वह सांप पकड़ने का काम आषाढ़ से कार्तिक माह तक ही करता है. इसके अलावा उनका हर दिन अलग टाइम-टेबल होता है. जैसे संडे को सुबह 6 से 9 बजे तक. गुरुवार और शुक्रवार को दिनभर तथा बाकी दिनों में एक या दो घंटे का समय रहता है. सिर्फ इसी बीच में वे सांप पकड़ते हैं. शंकर हर दिन तीन से पांच सांप पकड़ लेते हैं.
बंगाल के गुरू से सीखी है यह कला


सपेरे शंकर का कहना है कि सांप जब बिल में घुसता है तो उसके पेट का निशान मिट्टी पर पड़ता है. उस जगह से स्मेल उसकी नाक में आ जाती है. इसी से पहचान कर सांप की जगह तक पहुंच जाता है और उसे पकड़ लेता है. यह कला उन्होंने बंगाल के अपने गुरु से सीखा है. वह करीब तीन साल से कई गांवों में जाकर लोगों को यह खेल दिखाता चला आ रहे हैं.अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते शंकरइस अनोखे गुर को जानने के बावदूद शंकर किसी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते. उनका कहना है कि ये काम वे सिर्फ अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए करते हैं. उसने लोगों को सांप डंसने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने और उसी के मुताबिक दवा लेने को कहा.

Posted By: Shweta Mishra