इस 'जनमत मंथन' से निकलेगी 'आप' की सरकार?
उनके भाषण का मुद्दा था: वहाँ मौजूद लोग दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के गठन के समर्थन में हैं या नहीं?ये सभा 'आप' के जनमत संग्रह का एक हिस्सा थी.भारत के राजनीतिक इतिहास में इस तरह के जनमत संग्रह का उदाहरण नहीं मिलता. शायद प्राचीन ग्रीस में जनमत संग्रह का आयोजन इस तरह होता होगा जिस परंपरा के फलस्वरूप आज के लोकतंत्र ने जन्म लिया.रविवार को हो रहे आप के जनमत संग्रह के बीच केजरीवाल ने ज़ोरदार अंदाज़ में पूछा, "जो लोग ये चाहते हैं कि हमारी पार्टी दिल्ली में सरकार न बनाए, वो हाथ उठाएं".वो उठे हाथ गिनने लगे लेकिन 20 हाथ भी न उठे थे.हालांकि जब उन्होंने सभा से पूछा कि वो लोग हाथ उठाएं चाहते हैं कि 'आप' सरकार बनाए तो वहाँ मौजूद भारी बहुमत ने जोश में हाथ उठाए और ज़ोरदार अंदाज़ में कहा 'आप सरकार बनाए'.
केजरीवाल काफी खुश नज़र आ रहे थे और जनता में भी काफ़ी जोश में दिखाई दे रहा था.साफ़ ज़ाहिर था कि जनता क्या चाहती थी. केजरीवाल ने लोदी कॉलोनी की इस सभा की तरह सभी सभाओं में यही प्रक्रिया दोहराई और सभी सभाओं में लोगों की इच्छा ये थी कि केजरीवाल को सरकार बनानी चाहिए.'आप सरकार बनाए'
लोदी कॉलोनी की सभा समाप्त होने के बाद मैंने कई लोगों से पूछा कि जनमत संग्रह में उन्होंने सरकार बनाने के पक्ष में हाथ उठाए या नहीं तो लगभग सभी ने कहा 'हाँ'.
बीजेपी ने जब सरकार बनाने से इंकार कर दिया तो आम आदमी पार्टी पर सरकार बनाने का दबाव बढ़ा. पार्टी ने कहा कि दिल्ली की जनता फैसला करेगी कि पार्टी को सरकार बनानी चाहिए या नहीं.बड़ी उपलब्धि!लोगों ने 'आप' पर आरोप लगाया कि वो सरकार बनाने से पीछे हट रही है क्योंकि उसने जो चुनावी वादे किए थे वो उन्हें पूरा करने में बुरी तरह से नाकाम रहेगी. लेकिन केजरीवाल ने आज इस आरोप का खंडन किया और कहा कि जनता की मंशा रही तो वो सरकार बनाने से पीछे नहीं हटेंगेकांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन संबंधी उप राज्यपाल को लिखे पत्र के बाद 'आप' सरकार बनाने को लेकर दिल्ली के 272 वार्डों में जनमत संग्रह कर रही है. हालांकि केजरीवाल का कहना है कि कांग्रेस के समर्थन के इतिहास को देखकर उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है.'आप' ने जनसभाओं के अलावा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों जैसे मोबाइल पर एसएमएस और वेबसाइट के ज़रिए भी लोगों का रुझान जानने की कोशिश की है.दिल्ली में जनमत संग्रह के लिए पर्चे भी बाँटे गए. पार्टी ने दावा किया था कि वो 25,000 पर्चे इस काम के लिए बंटवा रही है.
अब सबको इंतज़ार है उस घड़ी का जब केजरीवाल सरकार बनाने के बारे में अपनी पार्टी के फ़ैसले का ऐलान करेंगे. और संभावना ये है कि 'आप' सरकार बनाने वाली है. अगर ऐसा हुआ तो ये पार्टी की एक बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि उसे अस्तित्व में आए सिर्फ एक साल ही हुआ है.