आडवाणी की सीट को लेकर चल रही बहस को आखिर खत्म करने की जिम्मेदारी भी आडवाणी पर ही छोड़ दी गई है. पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आडवाणी की संसदीय सीट चुनने का फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया है.


क्या हैं दो विकल्पगुजरात के गांधीनगर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय भोपाल से लड़ने पर अड़े भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी को राहत देते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा है कि उन्हें भोपाल और गांधीनगर दोनों सीटों का विकल्प दिया गया है. ये उनकी मर्जी है-वे जहां से चाहे चुनाव लड़ सकते हैं.मनाने में जुटे सभी बड़े नेताइससे पहले, आडवाणी को मनाने में पार्टी के कई बड़े नेता जुटे हुए हैं. वहीं, संघ ने इस मामले पर स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर आडवाणी पार्टी द्वारा तय की गई सीट पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, तो रहने दें. उधर, शाम को पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के दिल्ली पहुंचने के बाद इस विवाद के समाप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है.खुद पीएम कैंडिडेट को आना पड़ा
इन सबके बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता को मनाने के लिए खुद पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी आडवाणी के घर पहुंचे और करीब एक घंटे तक वहां रहे. नरेंद्र मोदी के निकलने के बाद आडवाणी को मनाने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज भी उनके घर पहुंचीं. वह वहां मौजूद थीं, इसी दौरान पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू भी वहां पहुंचे और उनके बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने भी आडवाणी को मनाने की कोशिश की. Hindi news from National news desk, inextlive

Posted By: Subhesh Sharma