--जुलूस में शामिल हुए सैकड़ों अधिवक्ता, न्यायिक कार्य से रहे दूर, सिविल कोर्ट में कामकाज ठप

--सरकार से अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चत करने की मांग, रामप्रवेश सिंह के परिजनों को मुआवजा देने की मांग

आज सिविल कोर्ट में दी जाएगी श्रद्धांजलि, आज भी नहीं होगा कामकाज

रांची : अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या के विरोध में मंगलवार को सिविल कोर्ट में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखा। किसी भी मामले में पैरवी करने अदालत नहीं पहुंचे। अधिवक्ताओं में साथी की मौत का आक्रोश साफ तौर पर देखा जा सकता था। 11 बजे के बाद अधिवक्ता न्यू बार भवन में जुटने लगे। लगभग 12 बजे जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभू प्रसाद अग्रवाल व सचिव कुंदन प्रकाशन, पूर्व सचिव संजय कुमार विद्रोही के नेतृत्व में सिविल कोर्ट परिसर से जुलूस निकाला गया। इसमें सैकड़ों अधिवक्ता शामिल हुए। घटना के विरोध में उन्होंने एकजुटता का परिचय दिया। सोमवार को अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह को कांके रोड के सर्वोदय नगर स्थित उनके आवास के बाहर गोली मार दी गई थी।

अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे

मंगलवार को जुलूस में शामिल अधिवक्ताओं में आक्रोश जरूर भरा था लेकिन उन्होंने काफी संयम दिखाया। जुलूस में एक दूसरे का हाथ थामे अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे। यहां सभा की गई। सभा के पूर्व अधिवक्ता एकता जिंदाबाद, अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो, अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो, अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दो, प्रोटेक्शन एक्ट लागू करो के नारे लगे।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभू प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि राजधानी में अधिवक्ता सुरक्षित नहीं हैं। आखिर कब तक अधिवक्ता की जान जाती रहेगी। सरकार से अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चत करने की मांग की। साथ ही, अपराधियों को कड़ी कड़ी देने को कहा।

अधिवक्ताओं पर हमला नहीं होगा बर्दाश्त

बार एसोसिएशन के सचिव कुंदन प्रकाशन ने कहा कि अधिवक्ताओं पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो अधिवक्ता आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे। रामप्रवेश सिंह ने पूर्व में ही पुलिस को जान का खतरा बताया था लेकिन इसपर कोई कदम नहीं उठाया गया। पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो शायद रामप्रपवेश सिंह की जान नहीं जाती। राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां अपराधी बेलगाम है। शासन प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं बची है।

Posted By: Inextlive