1984 के सिख विरोधी दंगों को आज 30 साल हो चुके हैं लेकिन इन 30 सालों में सिख पीडितों के जख्‍म अभी भरे नहीं हैं. इस दंगे में जिन सिख परिवारों ने अपने मां बाप और भाई बहन को खो दिया था उनके आंसू आज तक विरोध के रूप में परिवर्तित होकर सामने आते रहे हैं. इन दंगों के विरोध में पूरा पंजाब बंद कर दिया गया है.

ट्रेनों को परिचालन बंद
1984 के सिख विरोधी दंगों की 30वीं बरसी पर आज पंजाब में बंद का असर देख जा रहा है. पंजाब की ओर जाने वाली कई ट्रेनें दंगा पीडिंतों के गुस्से का शिकार हो रही हैं. करीब 20 ट्रेनों के परिचालन पर बंद का असर पड़ा है. लुधियाना में सिख संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराते हुये रेलवे ट्रैक जाम कर दिये हैं. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि इन लोगों ने दो पैजेंजर और दो मालगाडि़यों को भी रोक लिया. हालांकि सुरक्षा कारणों के चलते राज्य में अधिकतर स्कूल और कॉलेज बंद रखे गये हैं.
प्रदर्शनकारी हुये अरेस्ट
अमृतसर मे पुलिस ने बंद समर्थक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी शुरू कर दी है. पुलिस ने अभी तक 60 से अधिक प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट कर लिया है. इनमें ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रेजीडेंट करनैल सिंह भी शामिल हैं. गौश्रतलब है कि ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन और पीडि़त परिवारों ने 1984 में दिल्ली में सिखों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में पंजाब बंद का ऐलान किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नवंबर 1984 में हुये इन दंगों में 3 हजार लोगों की जानें गई थीं.
अभी तक नहीं मिला इंसाफ
तरनतारन में दंगा पीडि़त सोसायटी की बैठक में सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष करनैल सिंह पीर मुहम्मद ने कहा कि दंगा पीडि़त सिखों को अभी इंसाफ नहीं मिला है. लुधियाना में सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन मेहता के अध्यक्ष परमजीत सिंह खालसा ने बताया कि बंद के तहत गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब के सामने रेल ट्रैक जाम करेंगे. फिरोजपुर में नूर खालसा फौज के अध्यक्ष बाबा दिलबाग सिंह ने भी बंद को समर्थन दिया है. पठानकोट में सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन मेहता के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरमिंदर सिंह चावला ने कहा कि सिखों के कातिलों को सजा दिलाने के लिए शांति मार्च निकाला जाएगा. इस दौरान प्रधानमंत्री के नाम एक मांगपत्र सौंपा जाएगा.

Hindi News from India News Desk

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari