दस साल में नहीं मिला अपनी जमीन पर कब्जा
-कालिंदीपुरीम आवासीय येाजना के दो दर्जन आवंटियों का है यही सवाल
-जिन्हें एडीए आवंटन के 10 वर्ष बाद भी नहीं दे सका है कब्जा balaji.kesharwani@inext.co.inALLAHABAD: आज हम आपको एक ऐसी हकीकत बताने जा रहा हैं, जो आपको ये सोचने पर मजबूर कर देगा कि एडीए यानी इलाहाबाद विकास प्राधिकरण, लोगों के अपना आशियाना बनाने के सपने को पूरा कर रहा है, या फिर सपने का सहारा लेकर लोगों को ठग रहा है। क्योंकि लगातार आवासीय योजनाओं के थ्रू प्लॉट और फ्लैट का आवंटन तो हो रहा है, लेकिन आवंटन के बाद आवंटी को कब्जा मिलेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। एडीए के केवल एक आवासीय योजना में दो दर्जन से अधिक आवंटी क्0-क्भ् साल से आवंटन के बाद भी अपने जमीन पर कब्जा नहीं पा सके हैं। परेशान हैं, भटक रहे हैं, न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। जबकि वे एडीए को पूरा पैसा जमा कर चुके हैं। कहीं आपके साथ भी न हो ऐसा, इसलिए एलर्ट रहें। कौन सी है वो योजना। आइए हम आपको बताते हैं।
ये है एडीए की सबसे पुरानी योजनाकरीब ख्0 वर्ष पहले एडीए ने धूमनगंज एरिया में कालिंदीपुरम आवासीय योजना डेवलप की थी, जिसमें भूखंड का भी आवंटन किया गया था। बकायदा नक्शा बनवाकर प्लॉट आवंटित किए गए थे। मगर, आवंटन के बाद भी ऐसे करीब ख्9 आवंटी हैं, जिन्हें आज तक कब्जा नहीं मिल सका है। क्योंकि जिस जमीन को एडीए ने अपनी जमीन बताया है। उस पर वहां के स्थानीय लोगों ने कब्जा कर रखा है और वे उसे अपनी जमीन बताते हुए आवंटियों को कब्जा नहीं करने दे रहे हैं। लोग परेशान हैं कि वे आखिर करें तो क्या करें।
केस-क् अपना आवास बनाने का देख्ा था सपनारेलवे के एकाउंट विभाग में तैनात राजकुमार ने दूसरों की तरह नौकरी के दौरान इलाहाबाद में अपना एक आशियाना बनाने का सपना देखा था। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने एडीए के कालिंदीपुरम आवासीय योजना में भूखंड हासिल करने के लिए आवेदन किया। संयोग अच्छा था, आवेदन स्वीकार भी हो गया। ख्00भ् में एडीए ने कालिंदीपुरम आवासीय योजना में क्ख्0 वर्गमीटर प्लॉट डी क्-क्8ब् का आवंटन राजकुमार के नाम किया। एडीए के थ्रू रजिस्ट्री हुई, लेकिन आवंटन के बाद ये जमीन केवल कागज पर ही राजकुमार की है। हकीकत में तो कोई और ही इनकी जमीन पर कब्जा किए हुए है। राजकुमार तो आज भी अपने सरकारी आवास में ही रह रहे हैं। वहीं इनकी जमीन पर कब्जा करने वाला परिवार दो मंजिला मकान बनवाकर आराम से रह रहा है।
आवंटन के बाद कहा, ये एडीए की जमीन नहीं है और ये सब कुछ एडीए अधिकारियों की मनमानी की वजह से हुआ है। एडीए अधिकारियों ने राजकुमार के आराजी नंबर पर दूसरे आराजी नंबर की जमीन बताते हुए पैमाईश करवा दिया। राजकुमार ने जब थाने में शिकायत की तो एडीए के अधिकारियों ने ख्0क्ख् में जवाब दिया कि राजकुमार जिस जमीन को एडीए द्वारा आवंटन की जमीन बता रहे हैं, वो जमीन एडीए की नहीं है। एडीए के इस जवाब पर राजकुमार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय में पहुंचने के बाद अधिकारियों का बयान ही बदल गया। न्यायालय में संयुक्त सचिव ने माना कि डीक्-क्8ब् राजकुमार को आवंटित हुआ है और आनंद शंकर सिंह उस पर अवैध कब्जा किए हुए हैं। न्यायालय ने जमीन की पैमाइश कराकर राजकुमार को कब्जा दिलाने का आदेश दिया। लेकिन आज तक उन्हें कब्जा नहीं मिल सका है। बस यही जवाब दिया जाता है कि प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही कब्जा मिल जाएगा। केस-ख् ये फ्राड नहीं तो और क्या है?बेनीगंज एरिया के कालाडांडा निवासी राजेंद्र सिंह भी राजकुमार की तरह एडीए के कालिंदीपुरम आवासीय योजना का एक हिस्सा हैं। जिनके नाम एडीए ने क्99ख् में ही द्वारिका सेक्टर में डी क्-क्भ् नंबर ख्00 स्क्वायर मीटर का प्लाट आवंटित किया है। लेकिन क्99ख् से लेकर आज तक राजेंद्र सिंह को इस जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका है। राजेंद्र सिंह का कहना है कि एडीए ने जब जमीन का आवंटन किया था तो कहा गया था कि ये जमीन अब आपकी है। आप इस पर रह सकते हैं। लेकिन जब जमीन पर मकान बनवाने गए तो वहां के लोग लड़ने पर उतारू हो गए और कहा, ये जमीन एडीए की नहीं, उनकी है। अगर कब्जा करने का प्रयास किया तो ठीक नहीं होगा। ऐसे में इसे एडीए का फ्राड नहीं तो और क्या कहेंगे।
पाई-पाई इकट्ठा कर जमा किया स्टालमेंट राजेंद्र सिंह ने बताया कि जब जमीन लिया था तो उस समय स्थिति ठीक नहीं थी कि पूरा पैसा जमा कर सकूं। इसलिए स्टॉलमेंट बनवाया और कुछ सालों में स्टॉलमेंट के थ्रू ही सही। पैसा जमा कर दिया, लेकिन आज तक जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका है। कालिंदीपुरम आवासीय योजना के ये हैं वो भूखंड आवंटी जिन्हें क्0 साल बाद भी नहीं मिल सका है अपना प्लॉट - जिन्हें आज तक एडीए कब्जा नहीं दिला सका है कब्जा दिया जाना हैआवंटी भूखंड संख्या
क्। गोरखनाथ पांडेय- डी क्-क्8फ् ख्। राम प्रकाश- आरके ए-क्भ् फ्। मधु चोपड़ा- जीके-7ख् ब्। विभा सिंह- आरके-ख्क्7 भ्। मुकेश कुमार श्रीवास्तव- आरके-ख्क्7 म्। राजेश कुमार- बीएससी-ख्9 7. धीरेंद्र कुमार कौशिक- बीएससी-फ्0 8. राजकुमार- डी क्-क्8ब् 9. दिनेश कुमार शुक्ला- डी ख्-क्8 क्0. प्रीति श्रीवास्तव- यमुना-क्क्8 क्क्। मेराज अहमद डी क्-ख्भ्8 क्ख्। राजमणि पांडेय- बीएससी-ख्8 क्फ्। केके खन्ना- डी क्-0क् क्ब्। राजेंद्र सिंह- डी क्-क्भ् क्भ्। उमाशंकर प्रसाद- डी क्- क्ब् क्म्। गीता दुबे- डी क्- क्फ् क्7. एसके मिश्रा- डी क्- क्ख् क्8. ओंकारनाथ- जीके-ब्फ्फ् क्9. राधेश्याम वाईके-0ख् ख्0. सुब्रता सूर डी ख्-क्ब्9 ख्क्। स्नेह प्रभा त्रिपाठी जीके-77 ख्ख्। करुणा श्रीवास्तव डीख्-ख्क्8 ख्फ्। विनोद कुमार अग्रहरि बीएस-क्ब्फ् ख्ब्। ऊषा पाठक आरके-ख्ख्0 ख्भ्। शेषमणि मिश्रा स्कूल के लिए जमीन ख्म्। विजय कुमार सिंह डी क्-ख्ख्9 ख्7. राजेश कुमार बीएस-सी-ख्9 ख्8. धीरेंद्र कुमार बीएससी-फ्0 ख्9. अशर्फी लाल केसरवानी- जीक्-क्9 वर्जन ये बात सही है कि कालिंदीपुरम आवासीय योजना में अभी तक कुछ आवंटियों को कब्जा नहीं दिलाया जा सका है जिसके लिए प्रयास जारी है। कुछ लोगों का मामला न्यायालय में चल रहा है जिसका निपटारा जल्द ही हो जाएगा। जिनको कब्जा नहीं मिल रहा है, वे हमसे शिकायत कर सकते हैं। हम उन्हें कब्जा दिलवाएंगे। अमरनाथ उपाध्याय सचिव, एडीए