- वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर कर्मचारी और ड्राइवर कर रहे हड़ताल

- प्रोग्राम मैनेजर ने शासन को भेजी रिपोर्ट, व्यवस्थाएं बदहाल

बरेली : वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर जीवीके और ईएमआरटी के कर्मचारियों की हड़ताल वेडनसडे को भी जारी रही। हड़ताल से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो रहे मरीजों को एंबुलेंस न मिलने के कारण अपने निजी खर्च से वाहन मंगाने पड़ रहे हैं।

कैसे ले जाएं मरीज

हड़ताल से केवल हॉस्पिटल से छुट्टी दिए जाने वाले मरीज ही परेशान नहीं हुए वहीं देहात से रेफर होकर हॉस्पिटल आए मरीजों को भी भारी दिक्कतें हुई। एडीएसआईसी के सामने तीमारदार मिन्नतें करते नजर आए। वहीं मंडे से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से मरीजों को रेफर भी नहीं किया जा रहा है।

फैक्ट फाइल

जिले में 102 एंबुलेंस - 43

जिले में 108 एंबुलेंस - 43

जिले में एएलएस - 2

क्या है पूरा मामला

प्रदेश भर में एंबुलेंस सेवा जीवीके ईएमआइआई संचालित करती है। उसी से वाहनों में चालक व ईएमटी यानि इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन रखें हैं। वर्ममान में ईएमटी का वेतन करीब 10 हजार और ड्राइवर्स का वेतन 9 हजार रुपये है। दोनो ही वर्ग के कर्मचारी वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।

इंसेट

आऊट सोर्सिग कर्मियों ने भी खोला मोर्चा

संयुक्त स्वास्थ्य आउट सोर्सिग एवं संविदा कर्मचारी संघ की ओर से भी कार्य बहिष्कार जारी कर दिया गया। कर्मचारियों ने एडीएसआईसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। संघ के जिलाध्यक्ष विनीत कुमार सक्सेना ने बताया कि जिस कार्यदायी संस्था से करार हुआ था, वह 30 सितंबर को खत्म हो रहा है। हमें एनएचएम में समायोजित किया जाए। उन्होंने बताया कि अगर हमारी मांगों को स्वीकृति नहीं दी जाती है तो हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं बदहाल हो जाएंगी यहां 44 कर्मचारी कार्यरत हैं। जो कि पूरी जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं। अगर मांगों को नहीं माना गया तो कार्य बहिष्कार कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर वंदना रस्तोगी, रितेश कश्यप आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive