गांधीवादी टोपी को फिर से फैशन में लाए जाने का क्रेडिट अन्ना हजारे को जाता है इसलिए इसे ‘अन्ना टोपी’ भी कहा जाता है. अन्ना टोपी पर ‘मैं अन्ना हूं ’ लिखा रहता है. अन्ना हजारे मूवमेंट के दौरान इस टोपी को लोगों ने हाथों हाथ लिया था.


रामलीला मैदान में अपनी ब्रांड इमेज का दुनिया भर में लोहा मनवा चुके अन्ना हजारे पर इस समय कइयों की नजरें हैं. मुम्बई में 27 दिसंबर से शुरू हो रहे उनके तीन दिनों के अनशन को कई कंपनियां भुनाने के लिये तैयार हैं. कई समाज सेवी संगठन भी इस दौड़ में दौड़ने को तैयार दिख रहे हैं. अपने क्रिएटिव एडवर्टाइजमेंट्स के लिये मशहूर आर्गनाइजेशन पेटा ने भी अन्ना के इस अनशन में अपनी कमर कस ली है.  पेटा की स्पोक्सपर्सन बेनजीर सुरैया ने बताया, ‘‘अन्ना हजारे वेजी हैं और इस कदम का उद्देश्य उनके समर्थकों में वीगनिज्म को बढ़ावा देना है. हमने अभी एक टोपी अन्ना हजारे को भेजी है और अनशन के दौरान यह बड़ी संख्या में लोगों के बीच डिस्ट्रीब्यूट की जाएंगी.’’ फैशन में लौटी है गांधी टोपी


गांधीवादी टोपी को फिर से फैशन में लाए जाने का क्रेडिट अन्ना हजारे को जाता है इसलिए इसे ‘अन्ना टोपी’ भी कहा जाता है. अन्ना टोपी पर ‘मैं अन्ना हूं ’ लिखा रहता है. अन्ना हजारे मूवमेंट के दौरान इस टोपी को लोगों ने हाथों हाथ लिया था.

बेनजीर सुरैया ने कहा, ‘‘हजारे न केवल अपने मूवमेंट के जरिए बल्कि अपनी डाइट के जरिए नानवायलेंस को बढ़ावा देते हैं. हम आशा करते हैं कि वह और उनके वेजी फैन्स हमारी टोपी को पहनेंगे ताकि जब भी वह खाना खाने बैंठे तो दूसरों को भी वेजिटेरियन बनने के लिए मोटीवेट कर सकें.’’

Posted By: Divyanshu Bhard