-ऊं नम: शिवाय के जयकारों के साथ शुरू हुआ महाशिवरात्रि का पर्व

-टपकेश्वर में आधी रात से जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू

-शहर के तमाम मंदिर रोशनी से जगमगाए, हर तरफ भोले शंकर के उद्घोष

DEHRADUN : महाशिव रात्रि को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर में मध्यरात्रि क्ख् बजे से ही जलाभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। इसी प्रकार से शहर के तमाम मंदिर भी रात भर रोशनी से जगमगा रहे थे। इधर, सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम करने का दावा किया है। खासकर टपकेश्वर में जुटने वाली लाखों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है।

आधी रात से ही श्रद्धालुओं का तांता

महाशिवरात्रि के मौके पर मंडे को टपकेश्वर में भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भक्त बाबा के दर्शनों व जल चढ़ाने के लिए टपकेश्वर पहुंचने शुरू हो गए थे। शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर टपकेश्वर में रात क्क् बजे श्रृंगार आरती का आयोजन किया गया। इसके बाद जल चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। भारी भीड़ को देखते हुए एक तरफ से एंट्री और दूसरी तरफ से निकासी के इंतजाम किए गए हैं। वहीं गुफा प्रमुख आचार्य विपिन जोशी के मुताबिक महाशिवरात्रि के मौके पर सवा लाख शिवलिंगों का निर्माण हो जाएगा। वैष्णों देवी गुफा में लगातार क्8 सालों से हर शिवरात्रि पर सवा लाख शिवलिंगों का निर्माण किया जाता रहा है। एक दिन पहले टपकेश्वर मंदिर में महंत किशन गिरी, दिगंबर महंत गिरी, गोपाल गुप्ता, रजनीश यादव आदि ने भी तैयारियों को अंतिम रूप देने पर अपनी सहमति दी।

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फ्क्00 लीटर दूध की व्यवस्था

टपकेश्वर में दूध, जल के चढ़ाने के लिए करीब फ्क्00 लीटर दूध का निशुल्क व्यवस्था की गई है। मंदिर समिति सेवा दल के कार्यकर्ता टपकेश्वर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की मदद के लिए मुस्तैद हैं।

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विकलांग, कांवडि़यों के लिए अलग व्यवस्था

टपकेश्वर में दर्शनों के लिए विकलांग, गर्भवती महिलाओं व कांवडि़यों के लिए अलग लाइन की व्यवस्था की गई है। टपकेश्वर में क्क् ब्राह्मणों की ओर से क्क् क्विंटल हवन सामग्री के साथ महायज्ञ के आयोजन की तैयारी है।

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तीसरी आंख की नजर

सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरों की भी पैनी नजर रहेगी। पिछले सालों की तुलना में इस बार कैमरों की संख्या म्-7 तक बढ़ाई गई है।

महाशिवरात्रि का महत्व

ज्योतिषियों व वेदाचार्यो के मुताबिक महाशिव रात्रि पर जलाभिषेक का अपना महत्व है। वेदाचार्य पंडित गीताराम मैठाणी व बसंत बिहार शिव मंदिर पुजारी पं। प्रेम बल्लभ मैठाणी के अनुसार शिवरात्रि पर बेलपत्री, जल, दूध के चढ़ावे के साथ भगवान शिव को प्रसन्न कर कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। व्रत रखने वाले फलाहार, दूध का सेवन कर शिवरात्रि में भगवान शिव के दरबार में माथा टेक सकते हैं।

Posted By: Inextlive