-कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रस्तावित हड़ताल का दिखा असर

-निजी बैंकों को भी कर्मचारियों ने कराया बंद, गार्ड भी हड़ताल में हुए शामिल

कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर बनारस के बैंक के साथ डाकघरों पर भी दिखा। पेंशन स्कीम में सुधार, काम के निश्चित घंटे तय करने तथा बैंकों में कई कार्यो को बाहर से ठेके पर कराने के विरोध में बैंककर्मियों ने धरना-प्रदर्शन किया। बैंककर्मियों के हड़ताल पर जाने से बैंकिंग सेवाएं ठप हो गयी हैं। इसके चलते पब्लिक को परेशानी झेलनी पड़ी। बुधवार को 3500 बैंककर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से बैंकों में सन्नाटा छाया रहा। हड़ताल से ग्राहक सेवा, चेकों के समाशोधन, बैंक लॉकर से संबंधी कार्य, पूंजी बाजारों व बैंक द्वारा और बैंक द्वारा चलाए जाने वाली सभी गतिविधियों पर असर पड़ा।

निकाला वाहन जुलूस

बैंककर्मियों ने सुबह विंध्यवासिनी नगर स्थित माइकर सेंटर पर इकट्ठा से वाहन जुलूस निकाला जो पंजाब नेशनल बैंक के मंडल कार्यालय, इलाहाबाद बैंक, भारतीय स्टेट बैंक होते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने सभा की। सभा के बाद बैंककर्मियों ने सिगरा, मलदहिया, लहुराबीर, गोदौलिया, लक्सा स्थित निजी बैंकों की शाखाओं को बंद करवाया। धरना-प्रदर्शन में इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक समेत कई बैंकों के कर्मचारी शामिल थे।

कट जाएगी सैलरी

यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन के सहायक महामंत्री संजय कुमार ने बताया कि कई यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। इन दो दिनों में बैंकों का करीब 6 अरब से अधिक कारोबार प्रभावित होगा। हड़ताल में शामिल सभी बैंककर्मियों का दो दिन का वेतन करीब 50 लाख रुपए के आसपास कट जाएंगे। एटीएम के गार्ड भी हड़ताल में शामिल है। इसके चलते कई एटीएम के शटर डाउन थे।

एटीएम के भरोसे रहा शहर

बैंकों में हड़ताल की खबर सुनते ही ग्राहकों ने एटीएम से ट्रांजक्शन किए। एटीएम से कैश निकालने वालों की काफी भीड़ रही। ग्राहकों के पास नकदी निकालने के लिए पास एटीएम के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। दो दिन की हड़ताल की सूचना मिलेत ही उन ग्राहकों को काफी दिक्कतें हुई जो बैंक के भरोस थे उनके पास एटीएम कार्ड नहीं थे। वे बैंकिंग सुविधा से वंचित रहे। भारतीय स्टेट बैंक के अंचल उपमहाप्रबंध अनिल चोपड़ा ने बताया के आज की तिथि अधिकतर ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग, मोबाईल बैंकिंग से लैस है। ऐसे में उनको हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ता। वह कहीं से भी बैंकिंग सेवाओं को लाभ ले सकते हैं। उन्हे जरूर असुविधाएं हुई है जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं लिए होंगे।

कारोबारियों में मायूसी

बैंक में हड़ताल होने से कारोबारियों में मायूसी छा गयी है। उनका कहना है कि बंद का सीधा असर कारोबार पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। जो सभी व्यापारियों के लिए कष्टदायक होता है। विशेश्वरगंज के व्यापारी भगवान दास का कहना है कि वर्तमान आर्थिक परिवेश में सरकार द्वारा बनाए गए बैंक नीति और यहां काम करने कर्मचारियों के बीच काफी मतभेद उत्पन्न हो गए है। व्यापार में बड़े नोटों का चलन तेजी से बढ़ा है। जिसके लिए व्यापारियों को प्रतिदिन बैंकों से नोट निकालने पड़ते हैं। ऐसे में बैंक में हड़ताल हो जाए तो इसका असर व्यापार पर पड़ेगा ही।

-275

ब्रांचों के नहीं खुले ताले

-350

करोड़ का कारोबार प्रभावित

-3500

कर्मचारी रहे हड़ताल पर

-50

लाख रुपए सैलेरी कटी कर्मचारियों की

-20

हजार चेकों का नहीं हो सका क्लियरेंस

कब-कब हुई हड़ताल

-6 अगस्त- 2009

-16 दिसंबर- 2009

-3 दिसंबर 2010

-5 अगस्त -2011

-28 फरवरी - 2012

Posted By: Inextlive