-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने व‌र्ल्ड वाटर डे पर कार्यक्रम का किया आयोजन

-कई स्कूल्स में बच्चों को पानी के संरक्षण के प्रति किया गया जागरूक

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VARANASI

जानकारों का कहना है कि अगला विश्व युद्ध यदि हुआ तो उसका कारण पानी होगा. जी हां, धरती से पानी लगातार कम हो रहा है. अगर हम अभी भी नहीं चेते तो आने वाली पीढि़यां बूंद-बूंद पानी के लिए तरस जायेंगी. इसके बावजूद जाने अनजाने में पानी की बर्बादी कर रहे हैं. अगर अपने शहर बनारस की बात करें तो ये हमारी खुशकिस्मती है कि हमारे शहर में गंगा बहती हैं. वरना शहर पानी को तरस जाता है. पर गंगा की हालत भी लगातार खराब होती जा रही है. गंगा का पानी लगातार घाट छोड़ता जा रहा है. जो एक बड़ी चिंता का विषय है. बनारस में वरुणा और असि नदियां भी अपने अस्तित्व को लेकर संकट झेल रही हैं. जानकारों के अनुसार वर्तमान में सिटी में पानी की सप्लाई के लिए डेली गंगा से 2700 लाख लीटर पानी लिया जाता है, इसके बावजूद एक चौथाई पॉपुलेशन को साफ पानी नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा पानी के अनियंत्रित दोहन से भूगर्भ जल स्तर भी हर साल नीचे खिसक रहा है.

पानी बचाने की ली शपथ

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने व‌र्ल्ड वाटर डे के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया. विभिन्न स्कूल्स में हुए आयोजन में बच्चों को पानी के संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया. उन्हें पानी बचाने के तरीकों से भी अवगत कराया गया. रविन्द्रपुरी कॉलोनी स्थित गोपीराधा इंटर कॉलेज की स्टूडेंट्स भी दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इस अभियान में शामिल हुई और पानी की हर बूंद को बचाने का संकल्प लिया. उन्होंने अपने पेरेंट्स को भी पानी संरक्षण के प्रति जागरूक करने की बात कही. इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल सहित टीचर्स और स्टाफ मौजूद थे.

जल एक नजर में

335

एमएलडी (33 करोड़ 50 लाख लीटर) पानी रोजाना उत्पादित करता है जलकल विभाग

140

एमएलडी (14 करोड़ लीटर) पानी ही लोगों तक पहुंच पाता है

194.3

एमएलडी (19 करोड़ 40 लाख लीटर) पानी रोजाना हो रहा है बर्बाद

276

एमएलडी (27 करोड़ 60 लाख लीटर) पानी डेली शहर की है जरूरत, जिसकी सप्लाई जलकल विभाग नहीं कर पा रहा है

Posted By: Vivek Srivastava