मुख्यमंत्री की कुर्सी न छोडऩे पर आमादा बिहार के सीएम जीतन राम मांझी ने प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए एक और विवादित बयान दिया है. थर्सडे को उन्होंने कहा कि बिहार में होने वाले पुल निर्माण में उनकी कुर्सी तक कमीशन आता है लेकिन मैं यह पैसा लेने के बजाए शिक्षकों की उन्नति के लिए देना चाहता हूं. उन्‍होंने कहा प्रदेश के इंजीनियर निर्माण लागत मूल्य बढ़ाकर सरकार को चपत लगाते हैं. इस बीच प्रदेश के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने मांझी को 20 फरवरी को गुप्त मतदान के जरिये बहुमत साबित करने को कहा है.


पटना के गांधी मैदान में बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के 14वें स्थापना दिवस में मांझी ने कहा कि इंजीनियर कमीशन सभी को देते हैं.मुख्यमंत्री की कुर्सी के पास भी आता है, लेकिन मैं कमीशन नहीं लूंगा, बल्कि शिक्षकों के हित में लगाऊंगा. कहा, पुल निर्माण के नाम पर इंजीनियर करोड़ों रुपये लूट रहे हैं. जब मैंने इसे रोकने की कोशिश की तो लोग विरोध पर उतर आए. जिस पुल के निर्माण में एक-दो करोड़ रुपये की लागत आती है, इंजीनियर उसके लिए 200 करोड़ का एस्टीमेट बनाते हैं. जब इंजीनियर लूट रहे हैं, तो शिक्षकों को जीविकोपार्जन के लिए सुविधाएं क्यों नहीं दी जाएंगी. मांझी ने प्रदेश के वित्त रहित स्कूलों के अधिग्रहण कानून में बदलाव का संकेत दिया है. साथ ही शिक्षकों को नियोजित शिक्षक का वेतनमान दिए जाने की घोषणा भी कर दी. गुप्त मतदान पर टिका मांझी का विश्वास
बहुमत सिद्ध करने के लिए मांझी को अवसर प्रदान करते हुए राजभवन ने 20 फरवरी को विश्वास मत प्रस्ताव लाने को कहा है. राज्यपाल की ओर से कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष मतदान के लिए लॉबी डिविजन या गुप्त मतदान की पद्धति अपना सकते हैं. यदि गुप्त मतदान हुआ तो मतों की गिनती सदन में सदस्यों की उपस्थिति में की जाएगी और तत्काल राज्यपाल को जानकारी दी जाएगी. सूत्रों के अनुसार राजभवन की ओर से गुप्त मतदान का विकल्प दिया गया है. मोदी के निर्देश पर काम कर रहे राज्यपालपूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी प्रधानमंत्री की सलाह पर काम कर रहे हैं. उन्होंने मांझी को बहुमत सिद्ध करने के लिए 20 फरवरी तक का समय देकर विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दिया है. भाजपा का जो हाल दिल्ली में हुआ है, वही बिहार में भी होगा। इस बीच राष्ट्रपति के समक्ष परेड के लिए दिल्ली गए विधायकों में से 65 गुरुवार को पटना लौट आए.

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Posted By: Molly Seth