11 सदस्यीय फुटबाल टीम में मैरवा की कप्तान समेत 8 खिलाडिय़ों का राष्ट्रीय चैंपियनशिप खेलना संयोग नहीं वर्षों का प्रयोग

पटना (ब्यूरो)। एक बार फिर खेत में खेलते-खेलते नेशनल लेवल पर बेटियों ने बिहार का मान बढ़ाया है। गुवाहाटी में राष्ट्रीय अंडर-17 बालिका जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप में मंडे को हुए फाइनल में बिहार टीम उप विजेता रही। महज एक-शून्य से विजेता बनने से चूक गई। फुटबॉल में देश का उपविजेता बनना बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि रही। इसके पीछे सिवान के मैरवा प्रखंड के गरीब परिवार की 8 फुटबॉलर बेटियों का कमाल रहा। 11 खिलाडिय़ों की उप विजेता टीम में कप्तान समेत 8 मैरवा प्रखंड से होना जिले के लिए गौरव की बात है। बिहार टीम की प्रबंधक ममता कुमारी भी सिवान के मैरवा की ही हैं।

86 मिनट तक स्कोर 0-0
स्पद्र्धा बेहद रोमांचक रहा। खेल के प्रारंभ से लेकर 86 मिनट तक दोनों ही टीमें कोई भी गोद दागने में विफल रही। हालांकि 87वें मिनट में दादर-नगर हवेली की टीम पूजा कुमारी ने गोल कर टीम को विजयी ट्रॉफी दिलाया। हालांकि बिहार टीम की लक्की कुमारी को सबसे अधिक गोल करने के लिए पुरस्कृत किया गया। सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर दादर नगर हवेली की खुशी को दिया गया। जबकि प्लेयर ऑफ द मैच दादर नगर हवेली की पूजा बनी। बिहार टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए बिहार फुटबॉल संघ के सचिव सैयद इम्तियाज हुसैन भी गुवाहाटी पहुंचे थे। वहीं, स्पोटर्स ऑथारिटी ऑफ बिहार के महानिदेशक रवींद्र शंकरन ने कहा कि आखिरी क्षण में बाजी पलट गई। कोई बात नहीं, वेल डन।

हर पल फुटबॉल को जीया
एक ही प्रखंड की आठ खिलाड़ी का राज्य टीम में चयन अपने आप में बड़ी बात है लेकिन यह रातोंरात नहीं हुआ। इसके लिए खिलाडिय़ों ने फुटबॉल को हर पल जीया, कड़ी मेहनत की। स्थानीय रानी लक्ष्मीबाई स्पोट््र्स एकेडमी के संचालक सह प्रशिक्षक संजय पाठक ने दांव-पेच सिखाए। आल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में इनकी शिष्या खिलाडिय़ों ने संजय का भी नाम राष्ट्रीय फलक पर ले आया।

खेत को बनाया था खेल मैदान
संजय पाठक ने बताया कि इस चैंपियनशिप में बिहार टीम ने इतिहास रचा है। खिलाडिय़ों के मैरवा लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। इन बेटियों के फुटबाल खेलने के लिए अपने खेत की जमीन को खेल का मैदान बना दिया था। 8 में से चार खिलाड़ी 2015 से ही एकेडमी से जुड़ी हैं और अंडर 14 फुटबॉल प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त बिहार टीम का हिस्सा रही हैं।

टीम में मैरवा की 8 प्लेयर
साबरा खातून (कप्तान)
श्रुति कुमारी
नीतू कुमारी
प्रिया कुमारी
ङ्क्षसधु कुमारी
शिबू कुमारी
निभा कुमारी
पल्लवी कुमारी

पंक्चर बनाने वाले की बेटी कप्तान
कप्तान साबरा खातून के पिता सुधन अंसारी मैरवा प्रखंड के मुडिय़ारी गांव के हैं। वह सड़क किनारे टायर का पंक्चर बनाते हैं, लेकिन बेटियों की ख्वाहिशों के लिए अपने घर तक को गिरवी रख दिया।

पल्लवी व श्रुति के पिता भी मजदूर
मैरवा प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव की ङ्क्षसधु कुमारी के पिता हरिशंकर यादव खेतिहर मजदूर हैं। वह चार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिहार के लिए खेल चुकी है। मैरवा के हरनाथपुर के अभय यादव सरिया दुकान पर दैनिक मजदूर (पोलदार) हैं। इनकी दो पुत्रियां पल्लवी और श्रुति बिहार टीम का हिस्सा हैं। पल्लवी व श्रुति क्रमश: छह व पांच राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिहार के लिए खेल चुकी हैं।

स्कूल की रसोइया की बेटी है निभा
निभा के पिता मनोज गोड़ दिहाड़ी मजदूर हैं व मां कस्तूरबा विद्यालय में रसोइया हैं। बिहार के लिए तीन बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल चुकी हैैं। वहीं नीतू कुमारी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिहार के लिए दो बार खेल चुकी हंै। शिब्बू कुमारी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिहार के लिए एक बार खेल चुकी है। वहीं प्रिया कुमारी बिहार के लिए पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर खेली।

Posted By: Inextlive