- दो रेक के 40 कोच में 640 कोरोना मरीजों के एडमिट करने की थी योजना।

- 20-20 कोच के दो रैक तैयार किए गए थे

-640 संक्रमितों के रखने की व्यवस्था की गई थी

PATNA : पटना में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हॉस्पिटल में बेड लगभग फुल हो गए हैं। मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है। कोरोना संक्रमित पेशेंट के परिजन भटक रहे हैं। लेकिन पाटलिपुत्र और दानापुर स्टेशन पर यार्ड में पिछले साल तैयार आइसोलेशन कोच खड़े-खड़े धूल फांक रहे हैं। इसकी याद किसी को नहीं आ रही है। लाखों रुपए खर्च कर कोरोना संक्रमित पेशेंट के लिए इसे तैयार किया गया था। लोगों का कहना है कि जिस तरह से शहर के हॉस्पिटल में बेड की कमी है। इस स्थिति में आइसोलेशन कोच काफी मददगार साबित होंगे। जल्द आइसोलेशन कोच को तैयार कर कोरोना संक्रमितों को एडमिट किया जाए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

240 कोच हुए थे कन्वर्ट

वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर था। मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी। कोरोना डेडिकेटेड अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे थे। तब सरकार के निर्देश पर रेलवे कोच को आइलोशन सेंटर में बदलने की कवायद शुरू हुई थी। इसके तहत पूर्व मध्य रेलवे ने ट्रेन के 240 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला था। हालात बिगड़ती देख राज्य सरकार ने आइसोलेशन कोच को विभिन्न स्टेशनों पर रखा गया था। ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन स्थिति धीरे-धारे सामान्य होता गया और इसकी जरूरत पड़ी ही नहीं। उसके बाद आइसोलेशन कोच को यार्ड में खड़ा कर दिया गया।

बरती जा रही लापरवाही

आइसोलेशन कोच का विभिन्न स्टेशनों के यार्ड में रखा गया है। सरकार उसका इस्तेमाल नहीं कर रही है। वहीं, कोरोना के नए मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। परिजन संक्रमित को लेकर अस्तपाल दर अस्पताल भटकने को मजबूर हैं। बेड के अभाव में कई मरीजों की मौत भी हो रही है।

इस तरह बने थे कोच

-सभी कोच नॉन एसी थे। जिसमें मिडिल बर्थ को हटा दिया गया था।

-दोनों बेड के लिए अलग-अलग ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था थी।

- हर कोच में एक केबिन में वेंटिलेटर तक की व्यवस्था थी।

- शौचालय और वॉश बेसिन के नल में सेंसर लगे हैं ताकि हाथ से नल को छूने की जरूरत न पड़े।

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केबिन हैं एक कोच में।

- 2

संक्रमितों को रखने की व्यवस्था है प्रत्येक केबिन में।

- 1

कोच के चार शौचालय में एक को बंद कर बाथरूम बनाया गया।

मरीजों के लिए व्यवस्था

- दवा

- चिकित्सा सामग्री

- ऑक्सीजन सिलेंडर

- खान-पान

- शुद्ध पेयजल

क्या कहते हैं लोग

कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। जिसे देखते हुए सरकार को जल्द से जल्द रेलवे के आइसोलेशन कोच को इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए।

- दीपक चौधरी

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रेलवे का आइसोलेशन कोच अस्पताल में बेड नहीं मिलने से परेशान कोरोना संक्रमित पेशेंट के लिए वरदान से कम नहीं है। इसलिए इन कोच को तैयार कर पेशेंट को एडमिट करने की व्यवस्था की जाए।

- धनंजय कुमार

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हॉस्पिटल में बेड की कमी को देखते हुए आइसोलेशन कोच को जल्द कोरोना पेशेंट के लिए खोल देना चाहिए। देरी करने पर समस्या और बढ़ती जाएगी। जिम्मेदार विभागों को इस तरफ जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए।

- आकाश कुमार

Posted By: Inextlive