बिहार पुलिस की ओर से एडीजी ट्रैफिक और आईआरटीई की ओर डॉ रोहित बलूजा के बीच हुआ समझौता - एमओयू के तहत पटना गया मुजफ्फरपुर बिहारशरीफ व भागलपुर जैसे बड़े दुर्घटना वाले शहरों के पांच सौ किलोमीटर सड़कों का किया जाना है समरी ऑडिट बिहार पुलिस और फरीदाबाद बेस्ड इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन यानी आईआरटीई के बीच रोड सेफ्टी ऑडिट को लेकर मंगलवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया.


पटना ब्यूरो।

बिहार के ट्रैफिक एडीजी और आईआरटीई कॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट के निदेशक डॉ। रोहित बलूजा ने इस समझौता पर हस्ताक्षर किया है। एमओयू का मोटिव सड़क सुरक्षा, यातायात प्रबंधन एवं मानव बल क्षमता संबर्धन के क्षेत्र में बिहार पुलिस के लिए एक वैज्ञानिक एवं मानक प्रोटोकॉल का विकास करना है। इसके तहत शुरुआत में बिहार के पांच बड़े शहरों को शामिल किया गया है। जिसमें पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बिहारशरीफ और गया को शामिल किया गया है। इन पांचों शहरों के कुल पांच सौ किलोमीटर सड़कों का ट्रैफिक ऑडिट किया जाना है। जिसमें दुर्घटना और ट्रैफिक जरूरतों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया जाना है। सड़क दुर्घटना में मिजोरम के बाद दूसरे नंबर पर बिहार घातक दुर्घटना के मामले में प्रति सौ दुर्घटना में मिजोरम के बाद बिहार का पूरे देश में दूसरा नंबर आता है। वहीं दुर्घटना मृत्यु दर के मामले में प्रति दस हजार दुर्घटना के मामले में सिक्किम के बाद बिहार का दूसरा नंबर आता है। एनएच सड़कों का भी होगा ऑडिट बिहार के पांच बड़े दुर्घटना वाले शहरों में शामिल पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बिहारशरीफ और गया को जोडऩे वाले एनएच सड़कों को भी ऑडिट में शामिल किया गया है। इसके अलावा आईआरटीई टीम जिला परिवहन कार्यालय, पथ निर्माण विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय, सदर अस्पताल और बिहार न्यायिक अकादमी, बिहार के दो प्रमुख पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का भ्रमण का इनपुट जुटायेगी। ट्रेनी प्रोग्राम करेगी आयोजित आईआरटीई बिहार पुलिस के ट्रैफिक अनुभाग के लिए प्रशिक्षण सत्र का भी आयोजन करेगा। आईआरटीई के 30 प्रशिक्षक ट्रैफिक को लेकर बिहार पुलिस को ट्रेनिंग देगी। जिसमें ट्रैफिक व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन की बात होगी। ऑडिट के बाद वर्कशॉप का होगा आयोजन आईआरटीई के ऑडिट रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद मुख्य सचिव के नेतृत्व के बाद वर्कशॉप का आयोजन किया जायेगा। जिसमें बिहार के लिए मानक प्रोटोकॉल व्यवस्था के लिए सरकार को अनुसंशा भेजी जानी है। ताकि राज्य के स्तर पर एक सुदृढ़ ट्रैफिक व्यवस्था की नींव रखी जा सके। क्या है आईआरटीआई 1991 में इसकी स्थापना हुई थी। जो सड़क सुरक्षा को लेकर काम करती है। गैर लाभकारी संस्था के तौर पर काम करती है। जिसमें विशेषज्ञों की टीम के द्वारा स्थानीय सड़क जरूरत के हिसाब से काम किया जाता है। यह संस्था कई देशों की सरकारों के साथ मिलकर काम करती है। निदेशक डॉ। रोहित बलूजा ने बताया कि उनकी संस्था यूएन से लेकर अमेरिका और विश्व के कई देशों के साथ सड़क सुरक्षा को लेकर काम कर रही है। भारत में बिहार ऐसा इकलौता राज्य है। जहां की सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक सोच प्रदर्शित की है. Posted By: Inextlive