पटना साइंस कॉलेज बिहार सहित कई पड़ोसी राज्यों के स्टूडेंट्स की आज भी पहली पसंद है फैसिलिटी और पढ़ाई में अव्वल साइंस के सात कोर्स में 660 स्टूडेंट्स को मिलता है ग्रेजुएशन में एडमिशन तीन वोकेशनल कोर्सेज में हैं 90 सीटें

पटना ब्‍यूरो। पटना साइंस कॉलेज बिहार सहित कई पड़ोसी राज्यों के स्टूडेंट्स की आज भी पहली पसंद है। यहां साइंस के सात सब्जेक्ट के अलावा तीन प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है। इन कोर्स में बीसीए, बायोटेक और इन्वायरमेंटल साइंस की ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई होती है। यहां साइंस में एकेडमिक लेवल पर अपना कॅरियर बनाने वाले स्टूडेंट्स ही एडमिशन लेते हैं। कॉलेज में एडमिशन के समय कई डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। डॉक्यूमेंट की जानकारी के अभाव में स्टूडेंट्स को एडमिशन के समय कई बार घर व कॉलेज का चक्कर लगाना पड़ता है। डॉक्यूमेंट के अभाव में एडमिशन के समय भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मेरिट सूची के आधार पर चयन
पटना साइंस कॉलेज में आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन मोड में की जाती है। उम्मीदवार निर्धारित आवेदन पत्र कॉलेज से ही प्राप्त कर सकते हैं या आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। उम्मीदवारों को विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र को प्रोसेसिंग शुल्क और आवश्यक दस्तावेजों के साथ कॉलेज परिसर/कार्यालय में जमा करना होगा। एक बार फॉर्म जमा हो जाने के बाद, उम्मीदवारों को यह पता लगाने के लिए मेरिट सूची सह नोटिस की घोषणा का इंतजार करना होगा कि उन्हें प्रवेश प्रक्रिया के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है या नहीं। मेरिट सूची कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। प्रवेश प्रक्रिया की तारीख, समय और स्थान की जानकारी केवल मेरिट सूची के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

जानें साइंस कॉलेज के बारे में
पटना साइंस कॉलेज, पटना की स्थापना वर्ष 1927 में हुई थी। यह परिसर 28.32 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। पटना साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय का अंगीभूत कॉलेज है। कॉलेज को पटना विश्वविद्यालय के एक भाग के रूप में विज्ञान विभाग के रूप में शुरू किया गया था। वर्ष 1928 से संस्थान ने स्वतंत्र रूप से कार्य करना प्रारंभ कर दिया। पटना साइंस कॉलेज को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त है। कॉलेज बीएससी प्रदान करता है। वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूविज्ञान, गणित, भौतिकी, सांख्यिकी और प्राणीशास्त्र में ऑनर्स।

सात सब्जेक्ट में छह सौ सीट
साइंस कॉलेज में सात सब्जेक्ट में ऑनर्स लेवल की पढ़ाई होती है। सातों सब्जेक्ट में कुल मिलाकर 660 सीटे है। यहां मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स, बॉटनी, जूलॉजी, जियोलॉजी व स्टैटेटिक्स में पार्ट वन में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की लंबी कतार होती है। जबकि 90 सीटें बीसीए, बायोटेक्नॉलोनी व इंवायरमेंटल साइंस के वोकेशनल कोर्सेज संचालित किए जाते हैं।

ब्वॉयज हॉस्टल की सुविधा
तीन सौ स्टूडेंट्स के लिए पांच हॉस्टल है। कॉलेज के पास वर्तमान में फैराडे हॉस्टल, केवेंडिस हॉस्टल, न्यूटन हॉस्टल, सीवी रमण हॉस्टल एवं रामानुज हॉस्टल है। पटना यूनिवर्सिटी का एक मात्र साइंस कॉलेज है, जहां हॉस्टल में मेस की सुविधा उपलब्ध है। इन सभी हॉस्टल में कॉमन रूम, न्यूज पेपर व मैग्जीन की सुविधा भी है।

गल्र्स हॉस्टल की कमी
साइंस कॉलेज के पास ब्वॉयज के लिए पांच हॉस्टल है, लेकिन गल्र्स के लिए अभी तक एक भी हॉस्टल उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2015 में तत्कालीन एजुकेशन मिनिस्टर वृषिण पटेल ने कॉलेज को गल्र्स हॉस्टल व टेक्नोलॉजी पार्क के लिए दो करोड़ देने की घोषणा की थी। अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है।

स्टूडेंट्स की पहली पसंद है रिसर्च
सांइस कॉलेज से ग्रेजुएशन व प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ाई कर स्टूडेंट्स एकेडमिक फिल्ड में अपना कॅरियर संवारने के प्रयास में रहते हैं। यहां से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स जेएनयू सहित कई प्रीमियर इंस्टीच्यूट्स में रिसर्च व हायर एजुकेशन के लिए जाते हैं।

छात्रवृत्ति की भी सुविधा
पटना साइंस कॉलेज आर्थिक रूप से कमजोर/एससी/एसटी/शारीरिक रूप से विकलांग और महिला छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रदान करता है, जो छात्र आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं या अल्पसंख्यक वर्ग से हैं। छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के माता-पिता की आय सभी स्रोतों से प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थी विश्वविद्यालय पोर्टल के माध्यम से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive