Patna: आज ह्यूमिडिटी के सामने जो चैलेंजेज हैं उसने इंजीनियर्स और टेक्नोलॉजिस्ट के लिए संभावनाओं के ढेर सारे मौके अवेलेबल कराए हैं. आज का दौर इंजीनियर्स के लिए कॅरियर के लिहाज से बेहतरीन समय है. यह बातें एनआईटी के कन्वोकेशन प्रोग्राम को एड्रेस करते हुए डीआरडीओ के फॉर्मर डायरेक्टर और डिफेंस मिनिस्टर के फॉर्मर साइंटिफिक एडवाइजर पद्मविभूषण डॉ. वीके आत्रे ने कहीं.


एनआईटी का दूसरा कन्वोकेशन प्रोग्राम वे संडे को एनआईटी पटना में आयोजित हुए दूसरे कन्वोकेशन प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने यह भी कहा कि फैकल्टी और टीचर्स की पुअर क्वालिटी, रिसर्च एक्टिविटी की कमी और टीचिंग एंड रिसर्च के बीच तालमेल नहीं होने से आज के ज्यादातर ग्रेजुएट्स इंजीनियर्स नौकरी पाने के लायक नहीं बन पाते।इंपॉर्टेंट है इंजीनियर्स का रोल


कन्वोकेशन प्रोग्राम को गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में एड्रेस करते हुए आईआईटी, खडग़पुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो। कस्तुरी लाल चोपड़ा ने  कहा कि कन्वोकेशन प्रोग्राम इंस्टीट्यूट और डिग्री पाने वाले दोनों के लिए एक माइलस्टोन हासिल करने जैसा होता है। उन्होंने कहा कि  21वीं सदी नॉलेज एरा में एंटर कर चुकी है। नॉलेज ही इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन और डेवलपमेंट का टूल बनेगा। ऐसे समय में इंजीनियर्स का रोल बहुत इंपॉर्टेंट हो जाता है। प्रोग्राम में एनआईटी पटना के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन मानस बिहारी वर्मा ने ग्रेजुएट इंजीनियर्स को सक्सेस मंत्रा देते हुए कहा कि अगर आपके काम से किसी एक आदमी की जिंदगी भी आसान बन सके, तो आप अपनी लाइफ को सक्सेसफुल मानें। इससे पूर्व वेलकम एड्रेस एनआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो। अशोक डे ने दिया। इस मौके पर बीटेक और एमटेक के डिफरेंट एकेडमिक सेशंस के कुल 858 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। दोबारा चांस नहीं मिलेगाकन्वोकेशन के बहानेे एनआईटी से पासआउट ग्रेजुएट्स को न सिर्फ पढ़ाई के चार सालों के दौरान की गई मेहनत का रिजल्ट मिला, बल्कि उन्होंने खुद को भी बहुत सम्मानित फील किया। इसी बहाने बिछड़े हुए ढेर सारे दोस्तों से एक साथ मिलने का मौका भी मिला। मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने खूब मस्ती की और फ्यूचर प्लानिंग्स भी शेयर किए। प्रोग्राम में मौजूद ज्यादातर ग्रेजुएट्स किसी-न-किसी बड़ी कंपनी में काम कर रहे हैं। इस मौके पर मौजूद स्टूडेंट्स का कहना था कि होली तो अगले साल भी आएगी, पर इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने का मौका दुबारा नहीं मिलेगा।Gold Medalistsबिहार में रियुअल एनर्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। मैं अभी पावर सेक्टर में जॉब कर एक्सपीरियंस इकट्ठा कर रहा हूं। मेरी प्लानिंग है कि  मैं आने वाले दिनों इस सेक्टर में जॉब सीकर नहीं, जॉब गीवर बनूं।जयप्रकाश गुप्ता, बीटेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) - 2010-11मैं कंपटीशन की तैयारी और कॅरियर एक्सपोजर के लिए एक ऑन लाइन पोर्टल शुरू करना चाहता हूं। इसके द्वारा खास तौर पर जीडी और इंटरव्यू क्रेक करने के लिये गाइडेंस प्रोवाइड करूंगा।अतुल कुमार, बीटेक (मेकेनिकल इंजीनियरिंग) - 2010-11

मेरा सपना है आईएएस बनना। मैं नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी कर रही हूं। अगर मैं आइएएस बनी, तो टेक्नोलॉजी का यूज गुड गवर्नेंस के लिए करूंगी।वंदना कुमारी, बीटेक (सीएसई) - 2011-12मैं कुछ सालों तक नौकरी करने के बाद एमटेक करना चाहूंगी और फिर रिचर्स के क्षेत्र में अपना कॅरियर तलाश करूंगी।ममता प्रधान , बीटेक (ईसीई) - 2011-12खुद को ही चैलेंज करो आईआईटी खडग़पुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो। कस्तुरी लाल चोपड़ा ने यंग ग्रेजुएट्स से अपने कॅरियर को मीनिंगफुल व सक्सेसफुल बनाने के लिए दस टिप्स दिए। 1. अपने वीकनेसेज एंड स्ट्रेन्थ्स को पहचानें।2. खुद के प्रति और हर किसी के साथ ओनेस्ट रहें।3. अपने काम को एन्जॉय करें और उसके प्रति पैसोनेट रहें।4. सक्सेस हार्ड वर्क कर पसीना बहाने से मिलता है।5. फेल्योर्स जिंदगी का हिस्सा है। इनसे सीख लेने पर ये फ्यूचर सक्सेस के स्टेपिंग स्टोन बन जाते हैं।6. चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को चुनौती दें।7. नौकरी देने वाले बनें, न कि नौकरी ढूंढऩे वाले।8. टीम वर्कर बनें। अगर आप लीडर हैं, तो फ्रंट से लीड करें।9. समय और काम की पूजा करें।

10. अनैतिक तरीकों, करप्शन और घूस से दूर रहें। बी इंडियन एंड थिंक इंडियन ऑलवेज।

Posted By: Inextlive