-सुशांत सिंह मौत मामले में पक्ष-विपक्ष ने मिलकर एक साथ अपनी राय रखी

-नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, पहले से सीबीआइ जांच की मांग कर रहे

PATNA: मंडे को ज्ञान भवन में आयोजित 16वीं बिहार विधानसभा के आखिरी सत्र में पक्ष और विपक्ष ने एक स्वर में सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। सत्र के दौरान भाजपा विधायक और सुशांत सिंह के चचेरे भाई नीरज बबलू ने इस मुद्दे को उठाया। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

ने भी कहा कि सुशांत को न्याय दिलाने के लिए मामले की जांच सीबीआई से हो। कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि एक प्रस्ताव विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित होकर जाए कि सुशांत की मौत की जांच सीबीआइ से कराई जाए। इस अन्य विधायकों ने समर्थन किया।

नीरज कुमार बबलू ने उठाया सुशांत का मामला

सदन में औपचारिक कार्य निष्पादित किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कुछ सदस्यों को दो-दो मिनट का समय अपनी बात रखने को दिया। इस क्रम में जब छातापुर के विधायक नीरज बबलू की बारी आई तो उन्होंने सुशांत की मौत का मामला उठाया। वह सुशांत के चचेरे भाई हैं। बबलू ने कहा कि सुशांत की हत्या कर उसे आत्महत्या करार दिया गया। लगातार पूरे देश से यह आवाज उठ रही है कि इस मामले की सीबीआइ जांच कराई जाए। सुशांत के पिता ने जब पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई तो पटना पुलिस ने इसकी जांच आरंभ कराई। बिहार पुलिस की विशेष टीम जब महाराष्ट्र गई तो वहां की पुलिस ने धक्का देकर उन्हें वैन में बिठा दिया। अब जब भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी वहां गए हैं तो महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें वहां क्वारंटाइन करा दिया। मुख्यमंत्री को इस बात का ख्याल रखते हुए इसकी जांच सीबीआइ को सौंप देने की अनुशंसा कर देनी चाहिए।

यह राज्य का सवाल है: सदानंद

कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि यह राज्य का सवाल है। एक प्रस्ताव विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित होकर जाए कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच सीबीआइ से कराई जाए। कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह, विजयशंकर दूबे, लोजपा के राजू तिवारी, जदयू की रंजू गीता, विनोद यादव, अभय कुशवाहा और भाजपा के डॉ। रवींद्र यादव ने भी सीबीआइ जांच की मांग का समर्थन किया। साथ ही अन्य नेताओं ने अपनी बातें रखीं।

मुंबई पुलिस को दी गई थी सूचना

वहीं, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच के लिए आईपीएस अधिकारी को भेजने की सूचना मुंबई पुलिस को दे दी गयी थी। उस वक्त कुछ नहीं कहा गया। जब आईपीएस मुंबई पहुंचे तो उन्हें जबरन क्वारंटीन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया भी नहीं की गई लेकिन बाद में वे जहां ठहरे थे वहां जाकर उन्हें क्वारंटीन किया गय़ा। इस मामले में जो कुछ भी किया गया वो शर्मनाक है।

Posted By: Inextlive