अब तक 15 विदेशी प्रजातियों के पक्षी पहुंच गये हैं झील में

सुर्खाब, ग्रे लेग गीज, कारमोरेंट, कामन पोचार्ड जैसे पक्षी सबसे पहले पहुंचे

देहरादून: देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में प्रवास के लिए सुर्खाब, ग्रे लेग गीज, कारमोरेंट, कामन पोचार्ड, टफ्ड, गैडवाल, रेड नेप्ड आइबीज, कामन कूट, स्पाट बिल्ड डक, पर्पल हेरोन, लिटिल ग्रेब, ग्रे हेरोन, कामन मोरहेन, ग्रेट कारमोरेंट, कामन टील प्रजातियां आ गई हैं। बर्ड वा¨चग व बो¨टग के लिए पर्यटकों के आने से आसन वेटलैंड क्षेत्र में रौनक दिखाई देने लगी है।

ये बने पहले मेहमान

सबसे पहले सुर्खाब, ग्रे लेग गीज, कारमोरेंट, कामन पोचार्ड प्रजातियों के पक्षी उत्तराखंड के मेहमान बने थे। उसके बाद टफ्ड, गैडवाल, रेड नेप्ड आइबीज प्रजातियों के प¨रदे भी प्रवास को पहुंचे। अब कामन कूट, स्पाट बिल्ड डक, पर्पल हेरोन, लिटिल ग्रेब, ग्रे हेरोन, कामन मोरहेन, ग्रेट कारमोरेंट, कामन टील प्रजातियां भी प्रवास के लिए झील में डेरा डाल चुकी है। जिससे आसन झील में प¨रदों का कलरव बढ़ गया है। खास बात यह है कि आसन वेटलैंड में अक्टूबर से मार्च तक विदेशी प¨रदों व अप्रैल से सिलंबर तक लोकल प¨रदों का राज रहता है। वर्तमान में 15 प्रजातियों के प¨रदे प्रवास पर आ चुके हैं।

अब तक 2000 पक्षी पहुंचे

चकराता वन प्रभाग के डीएफओ दीप चंद आर्य द्वारा कराई गई लोकल गणना में प्रवासी प¨रदों की संख्या करीब 2000 हो चुकी है। आसन रेंजर जवाहर सिंह तोमर व पक्षी विशेषज्ञ प्रदीप सक्सेना के अनुसार आसन झील में प्रवास के लिए 15 प्रजातियों के प¨रदे पहुंच चुके हैं, ठंड बढ़ने के साथ ही प्रवासी प¨रदों की प्रजातियां व संख्या में इजाफा होगा।

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किस साल कितने आए प¨रदे

-वर्ष 2015 में 48 प्रजातियों के 5796 प¨रदे।

-वर्ष 2016 में 84 प्रजातियों के 5635 प¨रदे।

-वर्ष 2017 में 60 प्रजातियों के 4569 प¨रदे।

-वर्ष 2018 में 61 प्रजातियों के 6008 प¨रदे।

-वर्ष 2019 में 79 प्रजातियों के 6170 प¨रदे।

Posted By: Inextlive