मानव इतिहास में स्थापत्य कला के बेहतरीन और दिलचस्प नमूने प्राचीन काल से मिलते रहे हैं।


चाहे वो मिस्र के पिरामिड हों, या फिर वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसलिका की इमारत या फिर आगरा का ताज महल हो। सबके सब ख़ूबसूरती के प्रतीक हैं।इनकी मौजूदगी से हमें मालूम होता है कि लोगों ने किस तरह की चीज़ें तैयार की थीं।लेकिन प्राचीन काल में लोगों ने हाथ के इस्तेमाल से ज़मीन के कितने नीचे तक खुदाई करने में कामयाबी हासिल की थी, इसके बारे में कम ही जानकारी है।बीबीसी फ़्यूचर ने पृथ्वी के केंद्र की यात्रा पर बनी सिरीज़ के दौरान इन उपलब्धियों का ज़िक्र किया है, जिसके बाद कई लोगों ने हमसे सवाल पूछे कि हमारे पूर्वजों ने ज़मीन के अंदर सबसे अधिक, कितने मीटर तक की खुदाई करने में कामयाबी हासिल की थी।अगर ख़ूबसूरती और स्थापत्य के लिहाज से देखें तो प्राचीन शहर डेरिनक्यूयू में हाथ की खुदाई वाली अद्भुत सुरंग मिली थी।
तुर्की के इस शहर में इस सुरंग के लिए क़रीब 60 मीटर यानी दक्षिण अफ्रीका के टाउटोना और मपोनेंग की खानों में पहाड़ों के अंदर चार किलोमीटर की खुदाई की गई है।लिफ्ट के ज़रिए सतह तक पहुंचने में एक घंटे का वक्त लगता है, जहां का तापमान 59 डिग्री सेल्सियस होता है।


खान के अंदर तापमान को सही रखने के लिए विशाल फ्रीजिंग प्लांट भी लगाए गए हैं।दिलचस्प ये भी है कि उच्च तापमान, ऑक्सीजन की कमी वाली खानों की अंदर की परिस्थितियों से हमें पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर के जीवन की संभावनाओं के बारे में संकेत मिलता है।क्योंकि बाहर की परिस्थितियां भी कुछ ऐसी ही हैं। गहरी खदानों की स्थितियों से हमें ब्रह्मांड के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि ब्रह्मांड के बाहर की स्थितियां भी इसी तरह विषम होती हैं।बेहतर होती तकनीक की मदद से भूमिगत दुनिया में प्रवेश करने में दिक्कतें कम हुई हैं, अब वो काम मशीनें करने लगी हैं।लेकिन अभी भी हम कुछ लोगों को नहीं रोक सकते। ये इंसानी फितरत है कि वह दुनिया के बारे जानने को उत्सुक होता है। पहाड़ों की ऊंचाईयों से लेकर पृथ्वी की गहराइयों तक...

Posted By: Satyendra Kumar Singh