- कॉमर्शियल वाहनों की बॉडी में जमकर होती है छेड़छाड़

-गली-मोहल्लों के मैकेनिक भी बन जाते हैं इंजीनियर

- मानकों की अनदेखी कर ओवरलोडिंग कर रहे हैं वाहन

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KANPUR

वाहन छोटा हो या बड़ा, सभी किसी न किसी ऑथराइज्ड कंपनी से बनकर ही आते हैं। इन वाहनों को बनाने के लिए वेल ट्रेंड इंजीनियर्स लगाए जाते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि सिटी में कई लोग ऐसे हैं जो खुद ही इंजीनियर बनकर वाहनों की अधिकृत बनावट को ही बदल देते हैं। वो भी सिर्फ इसलिए जिससे ट्रकों में मानकों से ज्यादा माल को आसानी से भरा जा सके। इस बात का खुलासा आरटीओ के प्रवर्तन दल की चेकिंग के दौरान पकड़ में आए वाहनों से हुआ है। अब जल्द ही आरटीओ इसके लिए भौंती में एक चेकिंग सेंटर की शुरुआत करने जा रहा है। जिसमें सभी गाडि़यों की जांच करने के बाद उसे ग्रीन सिग्नल दिया जाएगा।

केस क्:

आरटीओ के प्रवर्तन दल ने नौबस्ता रोड पर एक ऐसा ट्रैक्टर पकड़ा, जिसकी ट्राली का साइज अपने आप ही बढ़ा हुआ था। ट्राली में दोनों ओर की साइड को लंबा किया गया था। ताकि उसमें ज्यादा सामान लोड किया जा सके। प्रवर्तन विभाग ने इस ट्रैक्टर को सीज कर दिया।

केस ख्:

बिल्हौर निवासी जीवन राम के नाम पर रजिस्टर्ड एक लोडर पिछले दिनों कल्याणपुर में पकड़ा गया। इसके लोडर में भी पीछे वाली ट्राली के साथ छेड़छाड़ की गई थी। ताकि उसमें ज्यादा माल भरा जा सके। इसके लिए ट्राली को नीचे से चौड़ा किया गया था। प्रवर्तन विभाग ने लोडर को सीज कर दिया।

ट्रालियों में होते हैं बड़े 'खेल'

सिटी की रोड्स पर घूम रहे ट्रैक्टर की ट्रालियों में बड़े स्तर पर खेल होते हैं। ट्रालियों में ओवरलोडिंग के लिए उनकी बॉडी में जमकर खिलवाड़ किया जाता है। ये दो केस तो सिर्फ बानगी भर हैं। ऐसे न जाने कितने केस रोज ही पकड़े जाते हैं और बहुत से पकड़ में नहीं आते हैं। जिसमें वाहनों की चेचिस व बॉडी में छेड़छाड़ कर उन्हें अधिक माल ढोने या पैसेंजर्स ढोने के लायक बनाया जाता है।

चेसिस से खिलवाड़ दंडनीय है

आरटीओ के नियमों के अनुसार किसी भी गाड़ी की आरसी में बताई गई उसकी बॉडी व फीचर्स के हिसाब से उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। अगर किसी को फीचर में बदलाव करना है तो उसके लिए पहले आरटीओ से अनुमति लेनी होगी। तभी बदलाव किया जा सकता है। पकड़े जाने में वाहन को सीज करने से लेकर भ् हजार रुपये तक जुर्माना काटा जा सकता है।

ओवरलोडिंग करके फैलाते हैं अराजकता

ऐसे वाहन सिटी की रोड्स पर जमकर अराजकता फैलाते हैं। ओवरलोडिंग कर निकलने वाले वाहन मानकों की अनदेखी करते हैं, जिससे रोड्स भी क्षतिग्रस्त होती है। सिटी के आउटर इलाकों में ऐसे वाहनों की जमकर अराजकता देखने को मिलती है।

ये मैकेनिक इंजीनियर से कम नहीं

ऐसी गाडि़यों की बॉडी में चेंज करने वाले मैकेनिक किसी इंजीनियर से कम नहीं होते हैं। कई बार तो ऐसे चेंज किए जाते हैं। जिनमें प्रवर्तन दल के मेंबर्स भी आसानी से नहीं पकड़ पाते हैं। ट्राली में लंबाई व चौड़ाई बढ़ाते भी हैं, लेकिन वे देखने में बिल्कुल नार्मल ही लगते हैं। प्रवर्तन दल ने ऐसे वाहन उस वक्त पकड़े जब धर्मकांटें में इनका वेट किया जा रहा था।

सिटी में रोज ब् हजार वाहन

एक आंकड़ें के मुताबिक सिटी करीब ब् हजार ओवरलोड वाहन रोज आते हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या ट्रकों की होती है। वहीं इनके साथ-साथ ट्रैक्टर, लोडर, पिकअप आदि गाडि़यां भी होती हैं।

सेंटर रोकेगा बॉडी से छेड़छाड़

ऐसे वाहनों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने सिटी में मॉडल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेट सेंटर खोलने को हरी झण्डी दे दी है। इसके लिए भौंती के पास ख्.भ् एकड़ जमीन चयनित की गई है। जो वाहन की चेचिस के मानक और बॉडी की जांच करेगी। एआरटीओ एसके सिंह ने बताया कि इनकी जांच के बाद ही आरसी जारी की जाएगी। वहीं संदिग्ध वाहनों को भी यहां जांच के लिए भेजा जाएगा।

ऐसे होगी सेंट्रल चेकिंग

- चेचिस बनाने वाली कंपनी को चेचिस बिक्री होने के बाद उसे सेंटर में भेजना होगा

- सेंटर में चेचिस के मानक देखे जाएंगे।

- चेचिस पर बॉडी तैयार होने के बाद सेंटर पर फिर से मानक देखे जाएंगे।

- सेंटर से प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही आरटीओ विभाग आरसी जारी करेगा।

मॉडल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेट सेंटर के लिए भौंती के पास ख्.भ् एकड़ जमीन देखी गई है। शासन से पैसा आते ही निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। वाहनों की बॉडी में छेड़छाड़ होती है। ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी।

- एसके सिंह, एआरटीओ

Posted By: Inextlive