छत्तीसगढ़ में पुलिस नक्‍सलियों को पकड़ने के लिए नक्‍सल विरोधी अभियान चला रही है. ऐसे में इस अभियान में करीब 107 जवानों की हत्या में शामिल एक नक्सली पुलिस के हत्‍थे चढा है. इस नक्‍सली को पकड़ने के लिए छत्‍तीसगढ़ पुलिस ने आठ लाख रुपये का इनाम भी रखा था.

चैतू पर था 8 लाख का इनाम
छत्तीसगढ़ पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी अनुसार के अनुसार नक्सली विरोधी अभियान के तहत नक्सली नक्सली सुखराम उर्फ ओयामी चैतू को गिरफ्तार कर लिया गया है. नक्सली चैतू अप्रैल 2010 में चिंतागुफा थाने के ताड़मेटला में 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या में शामिल था. ताड़मेटला में नक्सलियों द्वारा देश की सबसे बड़ी वारदात में 76 सीआरपीएफ के जवानों की नक्सलियों ने घेरकर हत्या की थी. इसके अलावा यह लगभग 107 हत्याओं के मामले में शामिल है. उन्होंने बताया कि माओवादी दक्षिण रीजनल कमेटी में सक्रिय बटालियन की कम्पनी दो की प्लाटून क्रमांक 3 का सेक्शन कमांडर था. इसे पकड़ने के लिए 8 लाख का इनाम रखा है. जिससे अब गिरफ्तार चैतू से पुलिस पूछतांछ कर रही है.

पुलिस पकड़ने के लिए प्रयासरत थी
वहीं दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक कमलनारायण कश्यप ने बताया कि चैतू बहुत ही खतरनाक नक्सलियों में गिना जाता है. छत्तीसगढ़ पुलिस इसे पकड़ने के लिए काफी दिन से प्रयासरत है. उन्होंने बताया कि चैतू ने सितंबर 2009 में सिंगन मड़गू में 6 कोबरा जवान, वर्ष 2006 में किरंदुल एनएमडीसी में सीआरपीएफ के 8 जवानों की हत्या तथा बारूद लूट की घटना को अंजाम दिया. इसके बाद इतना ही नहीं इसने 2010 में नकुलनार में कांग्रेसी नेता अवधेश गौतम के घर पर हमला और उनके रिश्तेदारों की हत्या, वर्ष 2006 में सलवा जुडूम का प्रतिरोध करते हुए गंगालूर राहत शिविर 8 ग्रामीणों की हत्या कर दी थी. इसके वर्ष 2009 में 3 कमांडो तथा 2007 में 4 एसपीओ की हत्या में भी चैतू मुख्य रूप से शामिल था.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh