ये बात अजीब ज़रूर लगेगी लेकिन है कटु सत्य. दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देशों में दूसरे नंबर पर है भारत लेकिन फ़ुटबॉल विश्व कप में भारत की भागीदारी न के बराबर है.


हालांकि एशियाई फ़ुटबॉल में अब भारतीय टीम का प्रदर्शन ऐसा होने लगा है कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई नाम मिले लेकिन इतना नहीं कि उसे विश्व कप में जगह मिल सके.हालांकि कई लोग ये मानते आए हैं कि भारत ने एक बार विश्व क़प के लिए क्वालिफ़ाई कर लिया था लेकिन ये भी आधा सत्य ही है.जब 1950 में भारत को मिला मौकाहालाँकि पिछले विश्व कप के क्वालिफ़ाइंग राउंड में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात को 1-0 से हराकर ज़रूर अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन आख़िरकार टीम का ये प्रदर्शन उसके काम नहीं आया.फिर भी टीम के खेल में अब पहले से ज़्यादा बदलाव दिखाई देने लगे हैं. 2007 में नेहरू कप जीतने के बाद भारतीय टीम ने 2009 और 2012 में हुए नेहरू कप अपने नाम किया. ये नेहरू कप में भारत की लगातार तीसरी ख़िताबी जीत थी.
साल 2011 में भारत को 27 साल बाद एशिया कप में खेलने का भी मौका मिला था. हालांकि एशिया कप में टीम को एक बार निराशा हाथ लगा और वो अपने तीनों मैच हार गई. लेकिन एशिया कप के बाद अब भारत में फ़ुटबॉल के स्तर को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh