पद से हटाये जाने की अटकलें क्‍या शुरू हुई की बिहार के मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी जदयू के खिलाफ अपने तल्‍ख तेवर अपनाने लगे. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निर्देश पर मांझी को पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की चेतावनी दी गई है. ऐसे में बिहार सीएम आज राज्‍यपाल से तीन लोगों की बर्खास्‍तगी की मांग करेंगे.

विधायक दल की बैठक बुलाई
इन दिनों जदयू में घमासान मचा हैं. पार्टी में अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव आमने सामने आ गए हैं. गौरतलब है कि जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने शाम चार बजे विधानसभा एनेक्सी भवन में विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस दौरान सभी सभी विधायक और विधान पार्षदों को बैठक में हर हाल में उपस्थित होने को कहा गया है. जिसमें नेतृत्व परिवर्तन सहित कई मुख्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें मांझी अगर बगावत करेंगे तो उनको हटाए जाने पर फैसला हो सकता है.

बैठक बुलाने का पूरा अधिकार
जदयू पार्टी की बैठक के बारे में सीएम जीतन राम मांझी का कहना है कि बैठक बुलाने का हक सीएम होने के नाते सिर्फ मुझे ही है. मेरी रजामंदी के बगैर बैठक होने पूरी तरह से गलत है. हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को विधायक दल की बैठक बुलाने का पूरा अधिकार है. यदि इस बैठक का मांझी या किसी और विधायक ने विरोध किया, तो उन्हें दल की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता.

बर्खास्त करने की सिफारिश
ऐसे में पार्टी के खिलाफ विद्रोही तेवर दिखाने वाले जीतन राम मांझी बौखला उठे हैं. वह आज शुक्रवार को तीन मंत्रियों-पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार और वन एवं पर्यावरण मंत्री पीके शाही को मंत्रिपरिषद से बरखास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से करेंगे. बरखास्तगी से संबंधित सिफारिशी पत्र को मुख्यमंत्री सचिवालय शुक्रवार की सुबह राजभवन भेज देगा. वहीं मांझी ने इस बात को साफ किया है कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देगें. यह उनके खिलाफ अफवाहें उड़ाई जा रही हैं.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh