टैंक कैपासिटी कम होने पर भी ज्यादा भरा रहे फ्यूल, नहीं हो रही चेकिंग
- डिस्ट्रिक्ट में सिर्फ एक ही जांच केन्द्र, वहां पर भी न के बराबर पहुंच रहे वाहन
- टैंक की कैपासिटी इनफॉर्मेशन देखे बगैर फ्यूल देने से हो सकता है हादसा ================= 3292 - सीएनजी वाहन डिस्ट्रिक्ट में 50 - स्कूल बसें हैं शहर में 1- सीएनजी किट जांच केन्द्र डिस्ट्रिक्ट में है ================= बरेली: शहर में दौड़ रहे अधिकांश सीएनजी वाहनों में बगैर जांच के ही फ्यूल दिया जा रहा है. सीएनजी पम्प पर भी उनके टैंक की कोई जांच नहीं की जा रही है. किसी भी सीएनजी वाहन की किट की वैधता जांचे बगैर फ्यूल देने से कभी भी काई बड़ा हादसा हो सकता है. जिम्मेदार भी इस बात से अंजान बने हुए हैं. सिर्फ एक ही जांच केन्द्रएआरटीओ प्रशासन का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट में 33 सौ से अधिक सीएनजी वाहन रोड पर दौड़ रहे हैं. इसमें स्कूली बसें भी शामिल हैं. जो सीएनजी वाहन कॉमर्शियल यूज में आते हैं, उनके लिए तीन वर्ष बाद सीएनजी किट की जांच करानी जरूरी होता है. डिस्ट्रिक्ट में सीएनजी किट की टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक ही टेस्टिंग सेंटर नकटिया में बना है. जहां पर वाहनों की जांच कराई जाती है. लेकिन हकीकत तो यह है कि टेस्टिंग सेंटर पर न के बराबर ही वाहन पहुंच रहे हैं.
एक महीने पहले बना जांच केंद्र
डिस्ट्रिक्ट का एकमात्र हाइड्रोस्टेटिक जांच केंद्र नकटिया पर करीब एक महीने पहले ही बनाया गया है, जहां अब तक करीब 10-12 सीएनजी वाहन ही किट की जांच के लिए पहुंचे हैं. ============= इन बातों का रखें ध्यान -सीएनजी किट का बीमा जरूर कराएं -सर्टिफाइड सीएनजी किट ही वाहन में यूज करें -सीएनजी किट का सर्टिफाइड मैकेनिक से ही मेंटिनेंस कराएं - किट के बारे में बेसिक जानकारी जरूर रखें -तीन वर्ष में सीएनजी किट को जरूर चेक कराएं हाइड्रो टेस्टिंग जरूरी -वाहन में फ्यूल डालने से पहले टैंक की कैपासिटी और टैंक पर लगी इन्फॉर्मेशन प्लेट देखकर ही रीफिल करें. लेकिन कई बार टैंक पर लगी इंफामर्ेंशन प्लेट नहीं होती है ऐसी स्थिति में सीएनजी पम्प के स्टाफ को वाहन की आरसी चेक करनी चाहिए. उसके बाद ही रीफिल करना चाहिए, जिससे पता चल सके कि वाहन कितना पुराना है और उसके फ्यूल टैंक की हाइड्रोस्टेटिक जांच हुई है या नहीं. वहीं, सीएनसी वाहन ओनर को चाहिए कि वह तीन वर्ष बाद फ्यूल टैंक की हाइड्रोस्टेटिक जांच जरूर कराएं, ताकि पता चल सके कि टैंक कितनी गैस झेलने की कैपासिटी रखता है. ===================== ये भी चेक करना जरूरी सीएनजी कंप्लायंस प्लेट-वाटर कैपासिटी
-सीएनजी टैंक आइडी नम्बर -डेट ऑफ इंस्टॉलेशन -डेट ऑफ री- इंस्टॉलेशन -व्हीकल्स चेसिस नम्बर कई बार हो चुके हादसे सीएनजी वाहनों की किट की नियमित जांच न होने से कई बार हादसे हो चुके हैं, इसके बाद भी अधिकारी वाहनों की जांच पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. करीब एक साल पहले पीलीभीत बाईपास रोड पर स्कूली बच्चों को छुट्टी के बाद घर पहुंचाने के दौरान एक निजी वैन में आग लग गई थी. गनीमत रही कि जिस समय वैन में आग लगी तब तक सभी बच्चे उतर चुके थे. ड्राइवर खाली वैन लेकर वापस जा रहा था. ================ -शहर में अभी जांच के लिए सिर्फ एक ही सेंटर बना है. दूसरा सेंटर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. जो भी सीएनजी किट वाले व्हीकल ओनर हैं उनको निर्धारित समय पर वाहन के फ्यूल टैंक की जांच करानी चाहिए. जो वाहन चालक टैंक की जांच नहीं करवा रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन