सावधान अगर आप बैंक खाते से एक दिन में तय सीमा से ज्यादा पैसे निकालते हैं तो उस पर टैक्स चुकाना पड़ सकता है क्‍योंक‍ि एक उच्‍चस्‍तरीय पैनल ने कल कालेधन पर अंकुश लगाने के म‍कसद से बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. ज‍िस पर मंथन करते हुए कर प्रशासन एवं सुधार आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि बैंक से तय सीमा से अधिक नकद निकासी को आयकर कानून के दायरे में भी लाया जा सकता है. जो देश की अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार लाने में अहम भू‍म‍िका न‍िभाएगा.

2009 में वापस ले लिया था
कर प्रशासन और सुधार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुख्य रूप से कहा है कि बैंक से तय सीमा से ज्यादा कैश निकासी को आयकर कानून के दायरे में लाते हुए इस पर बीसीटीटी भी लिया जा सकता है. यूपीए सरकार ने पैसे के स्रोत का पता लगाने के लिए 2005 में यह टैक्स लागू किया था, लेकिन अप्रैल 2009 में इसे वापस ले लिया था. तब व्यक्तिगत खाते से 50 हजार और अन्य खातों से एक लाख रुपये से ज्यादा पैसे निकालने पर टैक्स लगता था. जिस पर आयोग ने कहा है कि करदाता एमनेस्टी स्कीम का इंतजार करते रहते हैं. जिससे कालेधन को सफेद करने के लिए उन्हें ऐसी स्कीम का सहारा मिलता है.

 

पार्थशार्थी शोम कमेटी ने भी सिफारिश
सुधार आयोग की राय में एमनेस्टी स्कीम करदाताओं में मुख्य रूप से असमानता फैलाने से विशेष भूमिका अदा करता है. इसके साथ आयोग ने बड़ी जोत वाले किसानों को भी इस दायरे में लाने की बात कही है. आयोग का कहना है कि बड़े जोत वाले किसानों पर टैक्स लगेगा. इसके पहले यूपीए सरकार द्वारा गठित पार्थशार्थी शोम कमेटी भी कर आधार बढ़ाने के लिए सिफारिश कर चुकी थी. टीएआरसी ने एसएमई और असंगठित क्षेत्र के रिटेलरों को कर चुकाने के लिए प्रोत्साहित करने, संपत्ति कर की न्यूनतम सीमा बढ़ाने और इसपर कर की दर घटाने की भी सिफारिश की है.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh