संजय नगर निवासी दो ग‌र्ल्स कब्रिस्तान में सीखती थीं कुश्ती। आठ दिन पहले दोनों की प्रैक्टिस पर लग गई थी रोक लेकिन नहीं मानी हार।

BAREILLY: बरेली की दंगल गर्ल मुस्कान और सपना पाल रूढि़वादी सोच का शिकार हो गई, जिस कब्रिस्तान में बने अखाड़े में वह कुश्ती के गुर सीख रही थीं, वहां उनके जाने पर रोक लगा दी गई। कोच ने उन्हें बताया कि कब्रिस्तान में लड़कियों को जाने की मनाही है। लिहाजा अब वह उन्हें कब्रिस्तान में कुश्ती नहीं सिखा सकेंगे, लेकिन इससे दंगल ग‌र्ल्स ने हार नहीं मानी। दोनों स्पो‌र्ट्स स्टेडियम जाकर आरएसओ से मिलीं और उन्हें पूरी बात बताई। दंगल ग‌र्ल्स की पूरी कहानी सुनने के बाद आरएसओ ने उन्हें स्टेडियम में कुश्ती कोर्ट बनाकर पै्रक्टिस करने की इजाजत दे दी। फिर क्या था इन दंगल ग‌र्ल्स की टूटती उम्मीद को जैसे फिर पंख लग गए। खुद ही दोनों ने स्टेडियम में एक जगह मिट्टी डालकर कुश्ती कोर्ट बना दिया। कुश्ती कोर्ट बनने के बाद अब उनके कोच अली बहादुर ने भी स्टेडियम में जाकर उन्हें कुश्ती के गुर सिखाने की हामी भर दी है।

 

खुद मिट्टी डालकर बनाया कोर्ट

संजय नगर के होली चौराहा निवासी मुस्कान वर्मा के पिता शुगर फैक्ट्री में जॉब करते हैं। मुस्कान हॉकी की प्लेयर थी और शहर के ही कॉलेज से क्0वीं की स्टूडेंट्स है। मुस्कान बताती है कि दंगल मूवी देखकर उनके दिल में भी दंगल गर्ल बनने की इच्छा जागी और उन्होंने हॉकी खेलना छोड़कर कुश्ती सीखने का निर्णय लिया, लेकिन इसके लिए साथी नहीं मिला तो उन्होंने कॉलेज में पढ़ने वाली सपना पाल को बताया तो वह भी तैयार हो गई, जिसके बाद दोनों सहेलियों ने मिलकर कुश्ती सिखाने के लिए अखाड़ा कब्रिस्तान में तलाशा और कोच से प्रैक्टिस शुरू कर दी। कुछ समय बाद ही कब्रिस्तान में उनकी एंट्री पर ही रोक लग गई, लेकिन दोनों दंगल गर्ल ने हार नहीं मानी और खुद ही स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में मुस्कान और सपना पाल ने मिट्टी डालकर दंगल के लिए कोर्ट तैयार कर लिया और कुश्ती की प्रैक्टिस भी शुरू कर दी.

 

अन्य लड़कियां भी आई साथ

मुस्कान और सपना का हौंसला देखकर स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाली अन्य लड़कियां भी उनके साथ आ गई। उन्होंने भी सपना और मुस्कान की कोर्ट बनाने में मदद की और खुद भी कुश्ती सीखने की इच्छा जाहिर की। सपना और मुस्कान का कहना है कि उनके साथ की करीब आधा दर्जन लड़कियों ने भी कुश्ती सीखने की इच्छा जाहिर की है।


अब स्टेडियम में कराऊंगा प्रैक्टिस

कुश्ती कोच अली बहादुर उर्फ पप्पू का कहना है कि कब्रिस्तान में लड़कियों की एंट्री पर पाबंदी है। कब्रिस्तान के मुतवल्ली से बिना पूछे ही दोनों लड़कियों को कब्रिस्तान में कुश्ती सिखाने लगे थे, जबकि मुताबल्ली नवी अहमद ने ऐतराज किया तो लड़कियों को वहां आने के लिए मना करना पड़ा। अब कब्रिस्तान में कुश्ती की प्रैक्टिस तो नहीं करा सकते, लेकिन कुश्ती सिखाने के लिए सुबह स्टेडियम में जरूर जाएंगे। जिससे मुस्कान और सपना पाल का दंगल गर्ल बनने का ख्वाब पूरा हो सके.

 

प्लेयर्स की बात

 

स्टेडियम में कुश्ती के लिए कोर्ट मुस्कान और सपना ने बनाया है, जो काफी है। दोनों को देखकर मुझे भी कुश्ती सीखने का मन करता है। मुझे भी कुश्ती सीखकर आगे बढ़ना है।

संजना पाल, एथलीट

 

दोनों लड़कियों ने कोर्ट को बनाने में काफी पसीना बहाया है। पहले दोनों कब्रिस्तान में भी सीखने जाती थी लेकिन कब्रिस्तान में तो महिलाओं की एंट्री पर पाबंदी है, इसीलिए रोका गया होगा।

मो। फहीम, हॉकी प्लेयर

 

कुश्ती का कोर्ट बनाने का पूरा काम तो दोनों ग‌र्ल्स ने किया है। अब स्टेडियम में कुश्ती शुरू हो जाएगी तो इसमें पूरी मेहनत सपना और मुस्कान की है। इससे आने वाले प्लेयर्स को भी फायदा मिलेगा.

उत्कर्ष गौतम, हॉकी प्लेयर

 

सुबह को जब रेस के लिए आया तो देखा दोनों ग‌र्ल्स मिट्टी डाल रही थी। दोनों ग‌र्ल्स ने स्टेडियम में कुश्ती शुरू कराई है तो अब कोच की भी नियुक्ति होगी।

स्वप्निल मौर्या, हॉकी प्लेयर

Posted By: Inextlive