Delhi Assembly Election दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार करावल नगर निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर चर्चा राजनीतिक गलियारों में चर्चा में बना है। माना जा रहा है कि बेशक आम आदमी पार्टी ने यहां 2015 में जीत हासिल की हो लेकिन इस बार उसके लिए यहां जीतना आसान नहीं है। जानें क्यों...


नई दिल्ली 10 जनवरी (आईएएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली में आगामी 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दिल्ली विधानसभा में चुनावों में उत्सुकता से देखा जाने वाला निर्वाचन क्षेत्र करावल नगर इन दिनों काफी चर्चा में है। उत्तर पूर्वी दिल्ली का ये विधानसभा क्षेत्र इस बार आम आदमी पार्टी के लिए जीतना आसान नहीं होगा। करावल नगर विधानसभा क्षेत्र आजकल आम आदमी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) में शामिल हुए कपिल मिश्रा का गढ़ है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 2,81,331 मतदाता हैं। इनमें 1,57,726 पुरुष और 1,23,593 महिला मतदाता हैं। निर्वाचन क्षेत्र का लिंगानुपात 784 है। खास बात तो यह है कि शहीद भगत सिंह कॉलोनी, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, दयालपुर और सोनिया विहार इस विधानसभा क्षेत्र के नजदीकी क्षेत्र हैं। बीते चुनाव से इस बार काफी कुछ बदल चुका
बीते सालों विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो 2013 में करावल नगर में भाजपा और आप के बीच करीबी लड़ाई देखी गई थी। यहां भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने नई राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा को लगभग 3,000 वोटों से हराया था। वहीं राजनीतिक उतार चढ़ाव के बीच 2015 में दिल्ली में फिर चुनाव लड़ा गया। उस समय कपिल मिश्रा ने आप के एक उभरते नेता के रूप में जीत हासिल करते हुए भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट को हरा दिया था। हालांकि इस बार काफी कुछ बदल चुका है। करावल नगर से कपिल के उतरने की उम्मीदकपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया और भाजपा के लिए अभियान चलाया। कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर भी कई आरोप लगाए थे। उनका का कहना है कि वह मोदी के कार्यों से काफी प्रभावित हुए हैं। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने आप के एक अन्य नेता सौरभ भारद्वाज की याचिका पर दलबदल विरोधी कानून के तहत कपिल मिश्रा को अयोग्य ठहराया। कपिल मिश्रा पिछले साल भाजपा में शामिल हुए और इस चुनाव में भाजपा द्वारा करावल नगर से उन्हें मैदान में उतारने की उम्मीद है।

Posted By: Shweta Mishra