वाराणसी में नरेंद्र मोदी को चुनावी टक्कर देने के लिए अरविंद केजरीवाल आज सुबह सवा आठ बजे शिवगंगा एक्सप्रेस से वाराणसी पहुंच गए थे.


आज दोपहर बाद वह यहाँ के बेनिया बाग़ मैदान में अपनी बहु-प्रतीक्षित जनसभा करने वाले हैं और आम जनता की राय लेंगे कि उन्हें मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं.इस बार जनता के साथ-साथ केजरीवाल ईश्वर की सहमति से भी चुनाव लड़ने का इरादा बनाकर आए हैं.वाराणसी के मशहूर काल भैरव मंदिर में उन्होंने दर्शन किए और इसके बाद गंगा में स्नान किया. हालांकि वह संकटमोचन मंदिर नहीं जा पाए.यह पूछने पर कि क्या मंदिर दर्शन और गंगा स्नान के दौरान रोड शो का भी इरादा है, आम आदमी पार्टी (आप) के आदर्श शास्त्री ने कहा कि "लोग तो जुड़ेंगे ही."यहाँ यह कहना ज़रूरी है कि नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करके अपना-अपना राजनीतिक उद्देश्य पूरा कर लिया था.


दोनों नेताओं के दर्शन के बाद एक छोटा सा विवाद यह उठा था कि राहुल गांधी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी से टीका लगवाया था और मोदी ने नहीं.जनसभाकेजरीवाल के वाराणसी से चुनाव लड़ने की संभावनाओं की चर्चा गली-मोहल्लों में गर्म है.

आप को उम्मीद है कि उसे वाराणसी की बड़ी मुस्लिम आबादी का समर्थन मिलेगा, लेकिन पार्टी का भाजपा के साथ कड़ा मुक़ाबला होना तय माना जा रहा है.पिछले चार लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रत्याशी वाराणसी से जीता है. भाजपा की राज्य इकाई इस बार मोदी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.हालांकि मोदी की पहचान ऐसे नेता की रही है, जो ध्रुवीकरण करता है, पर गुजरात के विकास ने यहां के मतदाताओं का ध्यान आकर्षित किया है.प्रसिद्ध काशी चाट भंडार के मालिक राकेश केसरी कहते हैं, "अगर मोदी वाराणसी आते हैं तो यहां विकास होगा."इस शहर में लोगों को 12 घंटे बिजली मिलती है, शहर में हर तरफ़ खुले नालों में गंदगी नज़र आती है, सड़कें ट्रैफ़िक जाम में फंसी नज़र आती हैं और गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण लोगों की चिंता का मुख्य कारण है.केसरी कहते हैं, "अगर मोदी यहां से जीतते हैं तो बिजली सड़क और पानी की स्थिति बेहतर होगी."

Posted By: Subhesh Sharma