बीमा कंपनियों के अनुसार देश की सड़कों पर दौड़ रही हर पांचवी कार बिना फुल बीमा के चल रही है. यह कारें थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के दम पर चल रही हैं जिससे कार मालिक को किसी प्रकार का क्‍लेम नही मिलता है.


कार मालिक नही कराते फुल बीमाबीमा कंपनियों के अनुसार कार मालिकों में फुल बीमा कराने की प्रवृति नही देखी जा रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में चलने वाली हर पांचवी कार बिना फुल बीमा के चल रही है. बीमा कंपनियों के अनुसार जैसे-जैसे कारें पुरानी होती जाती हैं लोग कमप्रिहेंसिव बीमा कराना धीरे-धीरे बंद कर देते हैं. साल 2012-13 में एक करोड़ 61 लाख 23 हजार कारों का बीमा कराया गया. लेकिन 27 लाख 51 हजार 767 कारों का केवल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराया गया. इसके साथ ही 2013-14 के आंकड़ों में भी यही ट्रेंड्स देखने को मिलते हैं. क्योंकि अनिवार्य है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
देश में चल रही हर पांचवी कार के थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से कवर्ड होने के वाजिब कारण मौजूद हैं. दरअसल देश में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है. इसलिये लोगों को थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना पड़ता है. गौरतलब है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में कार के चोरी होने, एक्सीडेंट होने पर कार ओनर किसी तरह का क्लेम नही प्राप्त कर सकता है. दुपहिया वाहनों में भी ऐसा ट्रेंड


आईआईबी के आंकड़ों के मुताबिक टू-व्हीलर व्हीकल्स में भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड दिखाई पड़ता है. अगर साल 2012-13 के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल 3 करोड़ 61 लाख 9 हजार 120 टू-व्हीलर व्हीकल्स का इंश्योरेंस कराया गया. इसमें से 68 लाख 82 हजार 703 टू-व्हीलर व्हीकल्स ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराया.

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Posted By: Prabha Punj Mishra