भारत में होते हैं सबसे ज्यादा साइबर अटैक, जानें क्या है वजह
प्रोफेशनल साइबर क्रिमिनल्ससॉल्यूशन प्रोड्क्ट मैनेजमेंट फॉर एशिया पैसिफिक और जापान के डायरेक्टर तरुण कौरा की मानें, तो ये हैकर्स काफी एडवांस्ड हो चुके हैं। इन्होंने अपने इस साइबर क्राइम को बिजनेस मॉडल बना दिया है। यानी कि इसमें प्रोफेशनल हैकर्स की भर्ती होती है, यह हाई-स्क्िल्ड होते हैं। इन हैकर्स को घंटो के हिसाब से काम करना पड़ता है और वीकेंड पर हॉलीडे भी मिलता है। इसके अलावा आजकल तो लो-लेवल के क्रिमिनल अटैकर्स भी चोरी-छिपे स्कैम को बढ़ावा दिए जा रहे हैं।भारत है सबसे आसान शिकार
भारत में सबसे ज्यादा युवा हैं ऐसे में यहां पर करोड़ों मोबाइल कनेक्शन हैं। जिस तरह का क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर है ऐसे में साइबर अटैकर्स का सबसे पंसदीदा डेस्टिनेशन भारत ही रहता है। एक बार तो भारत दुनिया का स्कैम कैपिटल भी माना जा चुका है। वहीं दूसरी ओर भारत के पड़ोसी देशो में स्पैम में लगातार गिरावट आ रही है। 2014 में जहां स्पैम को लेकर भारत का 6वां स्थान था। हालांकि ओवरऑल स्पैम, मॉलवेयर, फिशिंग होस्ट और बोट्स को जोड़ लिया जाए तो भारत का तीसरा स्थान आता है।
अक्सर आपने सुना या पढ़ा होगा कि ये हैकर्स किसी न किसी कंपनी की वेबसाइट हैक करके खबरों में आने की कोशिश करते रहते हैं। एशिया के अंदर छठी सबसे ज्यादा टारगेटेड भारतीय कंपनियां हैं। इन कंपनियों पर औसतन दो बार साइबर अटैक हो चुकस है। पब्लिक यूटिलिटी और फाइनेंशियल सेक्टर की कंपनीज सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल तकरीबन दो या दो से ज्यादा कंपनियां इस समस्या का सामना कर चुकी हैं। 2013 में जहां साइबर अटैक के मामले में भारत का 7वां स्थान था वहीं 2015 में यह तीसरे नंबर पर पहुंच गया।नवंबर महीने में ज्यादा एक्टिवभारत में साइबर क्रिमिनल्स नवंबर महीने में सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं। इस महीने औसतन 2.5 भारतीय कंपनियां प्रतिदिन साइबर हमलों को शिकार बनती हैं।inextlive from Spark-Bites Desk