सर्किट का नाम बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट रखा गया है. यह ग्रेटर नोएडा के नजदीक 875 एकड़ के एरिया में फैला हुआ है. इस सर्किट को लीजेंडरी एफ-1 टैक डिजाइनर हरमन टिल्के ने डिजाइन किया है.


पहली इंडियन जीपी के लिए अब कुछ ही दिनों का समय बाकी रह गया है. इस बीच भारत के पहले एफ वन सर्किट बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का अनावरण कर भी दिया गया है. मतलब यह कि इंडिया में होने वाली पहली एफ वन रेस का एक्साइटमेंट अब और भी बढ़ गया है. 30 अक्टूबर को पहली इंडियन जीपी हो रही है.- यह ट्रैक करीब 5.14 किमी लंबा है.- ट्रैक पर कुल 16 टन्र्स हैं. ट्रैक की डायरेक्शन क्लॉकवाइज है.- रेस के दिन ट्रैक पर कुल 60 लैप्स होंगे. मतलब रेस डिस्टेंस 308 किलोमीटर होगी.- स्पीड 210 किमी प्रति घंटा से 320 किमी प्रति घंटा रह सकती है.- रेस के दौरान कुल 330 मार्शल्स तैनात होंगे. इनमें 230 इंडियन और 100 फॉरेन से होंगे.- यह सर्किट मोन्जा सर्किट के बाद दूसरी सबसे तेज सर्किट मानी जा रही है.


- ट्रैक के कॉर्नर्स की डिजाइन इसे और खास बनाते हैं. यहां ड्राइवर्स के पास ओवरटेक करने का चांस होगा वहीं कारों के ट्रैक से बाहर जाने का खतरा भी रहेगा.- ट्रैक के पहले तीन कॉर्नर्स के ढलान में करीब 14 मीटर का अंतर है.

- एफ वन कार को पूरी स्पीड में देखने का सबसे बेहतर चांस टर्न 3 और 4 के बीच होगा. दोनों टन्र्स के बीच दूरी भी सबसे ज्यादा है.- टर्न 4 टाइट राइट हैंडर है और यहां पर कारों को तगड़ा ब्रेक लगाना होगा.इस बार की रेस का एक्साइमेंट इसलिये भी कुछ ज्यादा है क्योकि उम्मीद की जा रही है कि भारत के दो फॉर्मूला वन ड्राइवर्स, नारायण कार्तिकेयन (हिस्पैनिया रेसिंग टीम) और करुण चंडोक (टीम लोटस) अपनी टीमों के लिये कार की स्टियरिंग संभालेंगे. हालांकि सेबेस्टियन वेटेल की ताजपोशी के साथ वल्र्ड चैंपियनशिप का फैसला हो चुका है. इसके बावजूद एक्सपर्ट्स तो यही मान रहे हैं कि इंडियन जीपी एक्साइटमेंट से भरी होगी.

Posted By: Divyanshu Bhard