फर्जी एफडीआर लगाकर रामगंगा बैराज का ठेका लिया
-बाढ़ विभाग में किया फर्जीवाड़ा, ठेका निरस्त, कोतवाली में दर्ज हुई एफआईआर
BAREILLY: रामगंगा नदी पर बन रहे बैराज में बदायूं की ओर निर्माण कार्य के टेंडर में फर्जीवाड़ा सामने आया है। बाढ़ डिपार्टमेंट ने ऑनलाइन टेंडर की लेकिन इसमें फर्जी एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रीसिप्ट) लगाकर कम दाम में ठेका हासिल कर लिया गया। जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। अब ठेकेदार पर बाढ़ खंड के एक्सईएन ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। 19 जून 2018 को ऑनलाइन टेंडरबाढ़ कार्य मंडल के एक्सईएन पीएस सचान ने कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि रामगंगा की तरफ बन रहे तटबंध के निर्माण कार्य के लिए ऑनलाइन निविदाएं 19 जून 2018 को खोली गईं थीं। एटा की मैसर्स आरपी ग्रुप ऑफ कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर अनिल कुमार की दरें सबसे न्यूनतम आई थीं। लिहाजा आरपी ग्रुप आफ कंस्ट्रक्शन के साथ कार्य करने का बाढ़ खंड का अनुबंध हो गया। फर्म के प्रोपराइटर ने सभी कार्य के लिए प्रबल प्रताप सिंह को अधिकृत कर रखा था। इसका अधिकार पत्र भी बाढ़ खंड कार्यालय को दे दिया था।
वेरीफिकेशन में पकड़ा मामलाअनुबंध होने के बाद फर्म की तरफ से बतौर सिक्योरिटी एफडीआर बनाकर बाढ़ खंड को दी गई। एफडीआर बैंक आफ इंडिया की फिरोजाबाद जिले की एक ब्रांच से बनवाई गई थी। फर्म की तरफ से चार एफडीआर दो करोड़ 87 लाख रुपये से ज्यादा की दी गई। विभाग ने जब एफडीआर के वेरीफिकेशन के लिए लेटर लिखा तो कोई जवाब नहीं आया। शक होने पर स्टॉफ भेजकर वेरिफिकेशन कराया तो फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। जिसके बाद ठेका निरस्त कर एफआईआर दर्ज कराई गई है।