प्राइवेट एजेंसी बांट रही सरकारी नौकरी
नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर मांगे एक लाख 70 हजार
स्टिंग में सामने आई हकीकत, युवक ने मेयर से की शिकायत balaji.kesharwani@inext.co.inALLAHABAD: सरकारी कार्यालयों में परमानेंट नौकरी हो या फिर संविदा पर नियुक्ति। सबका एक नियत प्रॉसेस है। कहीं रिटेन एग्जाम होते हैं तो कहीं इंटरव्यू। डायरेक्ट भर्ती का कोई सिस्टम नहीं है। फिर भी सिटी के पॉश एरिया सिविल लाइंस में कुछ ऐसी जॉब एजेंसियां एक्टिव हैं, जो बेरोजगार युवाओं को नगर निगम में सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रही हैं। संविदा पर सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने, फिर 11 महीने बाद परमानेंट कराने के नाम पर एक लाख 70 हजार रुपये वसूल रही हैं। सिविल लाइंस में एचडीएफसी बैंक के पास स्थित एक बिल्डिंग में चल रही जॉब एजेंसी ने करछना के रहने वाले एक युवक को ठगा। जब उसने मेयर अभिलाषा गुप्ता से शिकायत की तो जानकारी होने पर रिपोर्टर ने पीडि़त युवक के साथ पूरे मामले का स्टिंग किया।
एक लाख 70 हजार वसूलेकरछना के रहने वाले युवक आशीष कुमार केसरवानी ने मेयर अभिलाषा गुप्ता से शिकायत की कि सिविल लाइंस स्थित एक एजेंसी की संचालिका ने उससे एक लाख 70 हजार रुपये नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर ले लिया। लेकिन बाद में उसे पता चला कि नगर निगम में ऐसी कोई वैकेंसी ही नहीं है। मेयर ने नगर आयुक्त को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया।
मैडम ने लगाई फटकार पूरे मामले से पर्दा उठाने के लिए युवक आईनेक्स्ट रिपोर्टर के साथ सिविल लाइंस स्थित एजेंसी पर पहुंचा। जहां कमरे में पहुंचते ही एजेंसी की संचालिका आशीष पर बिफर पड़ी। क्या आशीष, क्या मजाक बना रखा है। तुम्हारा दिमाग खराब है। मुझे सुबह से कितनी बार जवाब देना पड़ रहा है। तुम्हे काल तो उठाना चाहिए था मेरा। कितना टाईम दूं तुम्हें मैडम आप से कुछ बात करनी है। ये मेरे भईया हैं। आप से कुछ बात करना चाहते हैं। क्या बात करनी है, बताओ। फिर शुरू हुई रिपोर्टर से बातचीत रिपोर्टर- मैडम क्या ये नगर निगम का परमानेंट जॉब है? मैडम- फिलहाल ये संविदा पर रहेंगे। एक टाइम ड्यूरेशन के बाद 11 महीने के बाद कंटीन्यू हो जाएगा रिपोर्टर- इनको जो अप्वाइंटमेंट लेटर मिलेगा उसमें क्या नगर आयुक्त जी के सिग्नेचर होंगे? मैडम-जी नहीं चीफ डायरेक्टर के साइन होंगे रिपोर्टर-कौन चीफ डायरेक्टर? मैडम- जो बच्चों को अप्वाइंट कर रहे हैं।मैडम- संविदा के थ्रू कंपनी अप्वाइंट करती है। इनके फार्म फिल होके जाते हैं। अप्वाइंटमेंट जारी कर देते हैं। एक अगस्त से पांच अगस्त के बीच ज्वाइनिंग, सैलरी 12 हजार, दस हजार बेसिक और अदर अलाउंसेस
रिपोर्टर- कंपनी जो बता रही हैं वो कैसे नौकरी देगी मैडम- नगर निगम, व जितनी गवर्नमेंट कंपनी इफको होती है, स्वास्थ्य विभाग एनएचएस से नियुक्ति, अभी जो इनका होगा कंपनी के माध्यम से होगा। रिपोर्टर- अभी जो लेटर मिलेगा, कंपनी का क्या नाम होगा? मैडम- अभी जो होगा कंपनी के माध्यम से होगा। नगर निगम के जो एनजीओ होते हैं उनके खुद के कंपनी होते हैं। आपको जो लेटर मिलेगा नगर निगम के उसमें मिलेगा। अप्वाइंटमेंट लेटर नगर निगम का ही मिलेगा। रिपोर्टर-अप्वाइंटमेंट लेटर में किसी का सिग्नेचर होगा मैडम- नगर निगम टेंडर देती है, चीफ डायरेक्टर का साइन होगा। रिपोर्टर- इनको करना क्या होगा- मैडम- इनको सुपरविजन करना है। दस-बारह लोगों के टीम की। इन्हें ट्रेंड किया जाएगा। नगर निगम में फिलहाल अभी कोई नियुक्ति नहीं हो रही है। संविदा पर कर्मचारियों की तैनाती की जानी है, लेकिन उसके लिए भी बकायदा नियुक्ति का प्रॉसेस होगा। जिसके आधार पर चयन होगा। अगर कोई एजेंसी नगर निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर लेटर जारी करते हुए पैसा वसूल रही हैं तो ऐसे एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभिलाषा गुप्तामेयर, नगर निगम
नगर निगम में नियुक्ति के नाम पर फर्जी लेटर जारी करने वालों और लोगों से पैसा वसूलने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। पूर्व के मामलों की भी जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है।
शेषमणि पांडेय नगर आयुक्त नगर निगम, इलाहाबाद