1100 रुपए में मिल जाती है आर्मी की पूरी यूनिफॉर्म
RANCHI : 600 से 1000 रुपए में आर्मी की ट्राउजर व टी-शर्ट। 500 से 1000 रुपए में आर्मी के जूते और 100 से 300 रुपए में आर्मी कैप, यानी 1200 रुपए से लेकर 2300 रुपए के बीच इंडियन आर्मी की पूरी यूनिफॉर्म उपलब्ध है। इसे लेने के लिए न तो परमिशन लेने की जरूरत है और न ही आईडी प्रूफ देने की। बस रुपए दीजिए और आर्मी की पूरी यूनिफॉर्म आपके लिए हाजिर है। सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर में आर्मी वेश में आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद जब आई नेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो शहर के कचहरी रोड, दीपाटोली और मेन रोड स्थित ओवरब्रिज के पास कुछ दुकानों में आर्मी व पुलिस के वर्दी से लेकर जूते-बेल्ट तक खुले में बेचे जाने की बात सामने आई। इन दुकानों में कोई भी आर्मी और पुलिस से संबंधित सामानों को बेहिचक खरीद सकता है। इसके लिए न तो आपसे कोई पूछताछ की जाएगी और न ही कोई तहकीकात।
क्वालिटी के हिसाब से कीमतआर्मी और पुलिस यूनिफॉर्म का पूरा सेट आसानी से सिटी के कुछ दुकानों में उपलब्ध है। आर्मी ड्रेस, जूते, बेल्ट, कैप बूट और बैच धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इन सामानों की कीमत उसकी क्वालिटी के हिसाब से ली जाती है। महज 1100 रुपए खर्च कर आप आर्मी यूनिफॉर्म का रेडिमेट सेट परचेज कर सकते हैं। इसके अलावा आर्मी के अलग-अलग डिजाइन के कपड़े भी 200 रुपए मीटर बेचे जाते हैं। हर दिन ऐसे यूनिफॉर्म लेने के लिए कई लोग दुकानों में आते हैं। अगर इनमें से कोई नक्सली अथवा आतंकी हो तो उसकी शिनाख्त करना आसान नहीं होगा।
आईडी की जरुरत नहीं कचहरी रोड, मेन रोड स्थित ओवरब्रिज के नीचे और दीपाटोली की जिन दुकानों में आर्मी और पुलिस की यूनिफॉर्म खरीदने के लिए किसी तरह की पहचान बताने की जरूरत नहीं है। बिना आईडी प्रूफ के यहां ड्रेस, जूते, बेल्ट की खरीदारी की जा सकती है। दुकानदार न तो आपका किसी तरह का वैरिफिकेशन करेंगे और न ही आईडी प्रूफ मांगेंगे। इतना ही नहीं, उनसे यह भी पूछने की जहमत दुकानदार नहीं उठाते हैं कि वे आर्मी के जवान हैं या पुलिस के। हो सकता गलत इस्तेमालदुकानों में आर्मी व पुलिस यूनिफॉर्म सेट का खुले में बिक्री होना चिंतित करने वाला है। बिना आईडी प्रूफ के इसकी बिक्री से इसके गलत इस्तेमाल की आशंका बढ़ गई है। झारखंड में जिस तरह नक्सली संगठनों का वजूद है, वैसे में इन यूनिफॉर्म के वे बड़े खरीदार हो सकते हैं, इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां से खरीदे गए यूनिफॉर्म पहनकर वे नक्सली घटनाओं को आसानी से अंजाम दे सकते हैं। इसके अलावा यहां से पुलिस की वर्दी में अपराधी भी चकमा देकर वारदात कर सकते हैं।
इनके लिए मांगी जाती आईडी हालांकि, आर्मी जैकेट, गन पाउच और शर्ट खरीदने की बात आती है तो दुकानदार उसके लिए खरीदार से आईडी प्रूफ मांगते हैं। बिना आर्मी या पुलिस की आईडी प्रूफ दिए बगैर खरीदार को ये दोनों सामान नहीं दिए जाते हैं। इसके अलावा आर्मी और पुलिस से संबंधित कोई भी सामान कोई भी व्यक्ति आसानी से खरीद सकता है। इसपर किसी तरह की कोई रोक टोक नहीं है और न ही कोई तहकीकात होती है। वर्जन सिटी की कुछ दुकानों व चौक-चौराहों पर खुले में आर्मी व पुलिस के यूनिफॉर्म सेट बेचे जाने की बात सामने आई है। इसका गलत इस्तेमाल नहीं हो, इस बाबत टीम का गठन किया गया है, जो दुकानों की छानबीन कर रही है। प्रभात कुमार एसएसपी, रांची