'फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में घिरे' सिंघल बहाल
सिंघल को पिछले साल फरवरी में सीबीआई ने हिरासत में लिया था. सीबीआई उनके खिलाफ 90 दिन में चार्जशीट प्रस्तुत नहीं कर सकी थी.इस वजह से उन्हें ज़मानत मिल गई थी.क्राइम ब्रांच के प्रमुख पीपी पांडे, डीआईजी डीजी वंज़ारा, उस समय पुलिस अधीक्षक रहे सिंघल समेत 21 पुलिस अधिकारियों पर इशरत जहां मुठभेड़ की साज़िश रचने का आरोप है. ये मामला अब भी सीबीआई की अदालत के विचाराधीन है.कौन है सिंघल?
हमलावरों का सामना करते समय कार्रवाई की कमान संभालने के लिए उनकी सराहना हुई थी. एक ही साल पहले भारतीय पुलिस सेवा में आए सिंघल इसके बाद गुजरात पुलिस के चहेते बन गए और फिर एक के बाद एक कई अहम पदों पर रहे.
अक्षरधाम मंदिर पर चरमपंथी हमले के एक साल तक जब मामले के दोषियों को पकड़ा न जा सका तो इसकी जाँच का काम सिघल को सौंपा गया था. वर्ष 2003 में अहमदाबाद अपराध शाखा को मामला सौंपे जाने के अगले ही दिन छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.पोटा अदालत में जब यह मामला गया तो अदालत ने जाँच पर सवाल उठाए और पूछा कि जब अन्य पुलिस एजेंसियाँ 12 महीने तक किसी को नहीं पकड़ पाईं तो अब 24 घंटे के भीतर सिंघल ने ये कैसे कर दिया?हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सिंघल और वंज़ारा द्वारा पकड़े गए इन सभी छह अभियुक्तों को बेकसूर बताते हुए बरी किया है. हलाकि इन में से पांच को 11 साल जेल में बिताने पड़े.मंज़ूरीगुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एसके नंदा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "जीएल सिंघल को बहाल कर दिया गया है. मंगलवार रात को उनकी बहाली को मंजूरी दी गई." सिंघल को गांधीनगर में राज्य रिजर्व पुलिस में समूह कमांडेंट का पद दिया गया है."सिंघल ने पिछले साल गुजरात सरकार को अपना इस्तीफा दिया था जिससे सरकार ने मंज़ूर नहीं किया. इस्तीफा देने के कुछ महीनों बाद इस साल फ़रवरी में उन्होंने सरकार में दोबारा काम करने की बात कही.गुजरात सरकार के इस निर्णय के क़रीब एक महीने पहले वसुंधरा राजे की राजस्थान सरकार ने सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में आरोपी आईपीएस अफसर दिनेश एमएन को भी बहाल किया था.